235 किमी का सफर तय कर कर्णप्रयाग पहुंची देश की सबसे लंबी मिलेट क्रांति साइकिल रैली

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गोपेश्वर: देश की सबसे लंबी मिलेट क्रांति साइकिल रैली दो दिन में 235 किलोमीटर का सफर पूरा करने के बाद शनिवार की देर शाम कर्णप्रयाग पहुंच चुकी है। शनिवार को रैली ने श्रीनगर से कर्णप्रयाग तक 90 किलोमीटर का सफर तय किया।

विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी ने मिलेट क्रांति साइकिल रैली का रुद्रप्रयाग में स्वागत किया। इस दौरान विधायक चौधरी ने कहा नथुली संस्था की ओर से चलाई गई यह साइकिल रैली मिलेट क्रान्ति की दिशा में आने वाले भविष्य में एक मील का पत्थर साबित होगी जिसके लिए उन्होंने संस्था के तमाम पदाधिकारियों, वॉलिंटियर्स एवं सभी साइक्लिस्ट को पुष्प माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, नगर पंचायत अध्यक्ष गीता झिक्वाण, जिला अध्यक्ष व्यापार मंडल अंकुर खन्ना, सभाषद सुरेंद्र रावत, नगर अध्यक्ष व्यापार मंडल राय सिंह बिष्ट, नगर महामंत्री व्यापार मंडल शूरवीर सिंह बिष्ट और नगर कोषाध्यक्ष व्यापार मंडल राजीव सेठी आदि मौजूद रहे।

रैली के अगले चरण में नगरासु (सौड) में उद्योगपति एवं शिक्षक नागेंद्र रावत तथा उनकी पत्नी ने ढोल नागाड़े और पुष्प वर्षा करके मिलेट क्रांति में नया जोश भर दिया। जैसे ही मिलेट क्रांति साइकिल रैली चैकी गांव में पहुंची ग्रामवासियों ने ढोल, दमाऊ, मशनबीन, भन्कोर, एवं मांगल गीत गाकर रैली का तिलक लगाकर विधिवत स्वागत किया। गांव की महिलाएं पारंपरिक वेश भूषा में नजर आई, दोपहर भोज में सभी गांव वालों ने मिलकर विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे जिसमे से मंडुए की रोटी, लाल भात, भंगजीरे की चटनी, गुड्यारे की सब्जी (प्याज के पत्ते), कद्दू की मीठी सब्जी, रेठु (कद्दू का रायता) तथा मोटी पहाड़ी दालों ने अन्य प्रदेशों से आये साइकिलिस्टों का मन मोह लिया।

संस्था की संथापिका सुमन नैनवाल ने ग्रामीणों को मोटे अनाजों के बारे में विभिन्न प्रकार से अवगत कराते हैं इसके फायदे बताये। जिसमे ग्रामीणों ने बड़-चढ़कर सवाल जवाब किये और अंत में ये शपथ ली कि अब से वे भी सभी लोगों को इस बारे में बतायेंगे।

इस मौके पर अपर कृषि निदेशक डॉ. परमाराम, मुख्य कृषि अधिकारी चमोली वीपी मौर्य, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी कर्णप्रयाग डॉ. आशुतोष बड़थ्वाल, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी थराली सुरेंद्र कुमार, कृषि वैज्ञानिक केवीके चमोली डॉ. अनिल पंवार आदि मौजूद रहे। उन्होंने ग्रामीणों को मोटे अनाजों की खेती और व्यवसायीकरण से संबंधित सरकार की ओर से चलाई गयी विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत कराया।

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