नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र को फलने-फूलने के लिए उर्वरकों की आवश्यकता है। इसके लिए देश उर्वरकों के आयात और घरेलू उत्पादन पर निर्भर है। वह शनिवार को केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में एफसीआईएल तलचर इकाई की प्रगति की समीक्षा करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने इस क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा है। देश में पांच नए उर्वरक संयंत्रों के आने से भारत के यूरिया के घरेलू उत्पादन में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी। इनमें से चार संयंत्र पहले से ही काम कर रहे हैं जबकि तलचर एक कोयला गैसीकरण संयंत्र है, जो अक्टूबर 2024 तक चालू हो जाएगा।
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इस अवसर पर डॉ. मांडविया ने कहा कि हमारे उर्वरक संयंत्रों में कोयला गैसीकरण जैसे नए तकनीकी हस्तक्षेपों का उपयोग करके भारत यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। तलचर इकाई की प्रगति की समीक्षा करने के बाद मंत्री ने कहा कि तलचर कोयला गैसीकरण संयंत्र है, जो भारत का सबसे बड़ा और पहला कोयला गैसीकरण यूरिया संयंत्र होगा।
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