भारत की बढ़ती मजबूतीः मिसाइल तकनीक में देश ने रचा एक और इतिहास
Published at 03 Nov, 2023 Updated at 03 Nov, 2023
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने शुक्रवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से नई रेंज की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise missile) का सफल परीक्षण किया। विस्तारित रेंज वाली ब्रह्मोस 450 किमी तक लक्ष्य को भेद सकती है। यह सफल परीक्षण सेना की ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट द्वारा पिन पॉइंट सटीकता के साथ किया गया। इसके लिए दूसरे द्वीप पर लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिस पर मिसाइल ने सटीक वार किया। इस सफल मिसाइल परीक्षण के साथ ही भारतीय सेना के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। साथ ही भारत दुश्मनों के लिए मजबूत हो गया है।
दुश्मनों की बढ़ीं मुश्किलें
इससे पहले 10 अक्टूबर को भारतीय सेना ने 450 किमी. ब्रह्मोस के एक संस्करण का परीक्षण किया था, जो 100 या उससे अधिक की दूरी पर लक्ष्य को मार सकता था। आज किए गए परीक्षण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में नो-फ्लाई ज़ोन का सुझाव दिया गया। भारत के लगातार सफल परीक्षणों से विरोधियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दुनिया की सबसे तेज़ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के भूमि आक्रमण संस्करण का पहली बार भारतीय सेना द्वारा 24 नवंबर, 2020 को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से परीक्षण किया गया था। ब्रह्मोस के जमीन से प्रक्षेपित, जहाज से प्रक्षेपित, पनडुब्बी से प्रक्षेपित, वायु से प्रक्षेपित संस्करणों का परीक्षण किया जा चुका है।
यह भी पढ़ेंः-रामलला स्थापना समारोहः स्वयंसेवक संघ ने बनाई रणनीति, होंगे ये कार्यक्रम
मिसाइल तकनीक में अग्रणी बना देश
चीन के खिलाफ जमीन पर हमला करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया गया है। ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस कुछ सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब एयरबेस पर तैनात हैं। भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित ब्रह्मोस अब तक की सबसे आधुनिक मिसाइल प्रणाली है, जिसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी बना दिया है। ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर थी। इसे बढ़ाकर 450 किमी से 1,000 किमी कर दिया गया है।
अन्य खबरों के लिएहमेंफेसबुकऔरट्विटरपर फॉलो करें व हमारेयूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)