बिना नम्बर प्लेट शहर में घूम रहीं निगम की कचरा गाड़ियां, तार-तार हो रहे नियम

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लखनऊः राजधानी में घर-घर कूड़ा इकट्ठा करने वाली नगर निगम की कूड़ा गाड़ियां यातायात नियमों का जमकर माखौल उड़ा रही हैं। अधिकतर कूड़ा गाड़ियां बिना नम्बर प्लेट के ही शहर की सड़कों पर फर्राटा भर रही हैं, पर प्रशासनिक जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं। देश में मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू हो चुका है और इसके लागू होने के बाद वाहन चालकों के मन में चालान को लेकर डर व्याप्त है, लेकिन नगर निगम के कूड़ा वाहनों पर कोई नियम लागू होता नजर नहीं आ रहा है।

निगम के कई कूड़ा वाहन बिना नम्बर प्लेट के ही सड़कों पर मौत बन कर बेखौफ दौड़ रहे हैं, जबकि तीन महीने पहले वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस मुद्दे को तुरंत हल करने का आश्वासन दिया गया था। यही नहीं, तमाम वाहनों का यातायात विभाग में पंजीकरण भी नहीं हुआ है, ऐसे में यह नियमों की धज्जियां तो उड़ा रही रहे हैं और दुर्घटना का सबब भी बन रहे हैं। अलीगंज, महानगर, हजरतगंज, गोमतीनगर, इंदिरानगर, पुराने लखनऊ और अन्य सड़कों पर ऐसे कई वाहन दौड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि एलएमसी या यहां तक कि पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर ऐसे वाहन वर्षों से इधर-उधर घूम रहे हैं।

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अलीगंज निवासी रमेश चन्द्र का कहना है कि सारे नियम आम जनता के लिए ही हैं। जनता यातायात के नियमों का गलती से भी उल्लघंन कर दे, तो भारी-भरकम जुर्माना लग दिया जाता है लेकिन यह वाहन धड़ल्ले से बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। इन्हें कोई रोक भी नहीं रहा है और न ही यातायात विभाग इन पर जुर्माना ही लगा रहा है। नम्बर न होने के कारण कोई इनकी शिकायत भी नहीं कर सकता है। इंदिरा नगर के रहने वाले अमित सिंह का कहना है कि यदि इन वाहनों से कोई घटना-दुर्घटना हो जाती है, तो इसकी शिकायत कैसे की जाएगी। यातायात विभाग पूरी तरह से निरंकुश हो चुका है। कुछ ड्राइवरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनकी गाड़ी में ही नहीं, बल्कि नगर निगम की ज्यादातर गाड़ियों में नंबर प्लेट नहीं लगी हैं। ऐसे में हम लोग ही क्यों नंबर प्लेट लगाएं। इसके अलावा अन्य चालकों ने बताया कि उन्हें जैसी गाड़ी दी गई है, वे वैसी ही तो चलाएंगे। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

बता दें कि नगर आयुक्त द्वारा पिछले दिनों कहा था कि हर वाहन पर नम्बर प्रिंट करने के सख्त निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं, लेकिन यह आदेश सिर्फ खानापूर्ति ही साबित हो रहा है। इसको लेकर यातायात उपायुक्त रईस अख्तर ने कहा कि हमने बिना नम्बर प्लेट वाले वाहनों के खिलाफ चालान जारी किया है। यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि सभी वाहनों पर नम्बर ठीक ढंग से लिखे हों।

जल्द बदली जाएगी कूड़ा निस्तारण करने वाली कम्पनी –

देश के कई शहरों में कूड़ा आय का स्रोत बना रहा है, लेकिन राजधानी लखनऊ में यह लोगों के लिए अभिशाप बना हुआ है। सिर्फ कूड़ा उठाने में ही हर साल नगर निगम 50 से 60 करोड़ रूपए फूंक रहा है। बीते दिनों कई शहरों में कूड़े का प्रबंधन देख रही 18 कम्पनियों ने अधिकारियों के सामने कूड़े से आय करने वाले प्रोजेक्ट को सामने रखा। उन्होंने बताया कि कूड़े से सीएनजी, खाद और कोयला बनाया जा सकता है। मुम्बई की एक कम्पनी ने बताया कि वह कूड़े से बिजली बना रही है। नगर निगम में भी अब वर्तमान में कूड़ा निस्तारण करने वाली कम्पनी को जल्द बदलने की कवायद शुरू की जाएगी।

  • पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट

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