Home उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर समिट की तैयारी में पास होगा निगम !

इन्वेस्टर समिट की तैयारी में पास होगा निगम !

लखनऊः फरवरी में होने वाले जी-20 सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर नगर निगम के सभी बड़े अधिकारी इन दिनों परेशान हैं। उनकी दिनभर की भागम-भाग केवल शहर को चमकाने तक में सीमित है। यदि इन आयोजनों की तैयारी में निगम पास हो जाता है, तो यह अव्वल दर्जे का माना जाएगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में भी हो न हो, इस बार पहला नम्बर भी पा सकता है। हालांकि, जिस अंदाज और रफ्तार से तैयारियां चल रही हैं, वह अभी खरी नहीं उतर रही हैं। हालांकि, अधिकारियों का उत्साह बना हुआ है। खुद निगम आयुक्त कह रहे हैं कि सभी काम समय से पूरे कर लिए जाएंगे।

नगर निगम को अपनी खराब सड़कें बनवाने, लाइटिंग, डिवाइडरों की रंगाई-पुताई, सफाई व हरियाली का जिम्मा मिला है। नए लखनऊ यानी इकाना स्टेडियम से लेकर अमौसी एयरपोर्ट तक चमक-दमक दिखानी है। इसके लिए निगम के पास 40 करोड़ रुपए से अधिक धन का लक्ष्य है। इन कार्यों के टेंडर भी जारी करने के बाद काम भी तेजी से चल रहा है। सबसे बड़ा काम सफाई का है। आयोजन स्थल व उसके आस-पास 400 कर्मचारी तैनात किए गए हैं। पूरे विस्तार क्षेत्र को सेक्टरों में बांटा गया है।

एक-एक जगह पर पांच से दस कर्मचारी लगाए गए हैं। अवध शिल्पग्राम, वृंदावन योजना, अहाना इंक्लेव और शहर के सभी बड़े होटलों के आस-पास स्वच्छता अभियान चलाकर रंगाई-पुताई का काम किया जा रहा है। सबसे ज्यादा कर्मचारी शहीद पथ पर सफाई कर रहे हैं। यहां के प्रमुख स्थलों में जनेश्वर मिश्र पार्क और पुराने लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा के आस-पास भी सजावटी कार्य किए जा रहे हैं लेकिन अभी तक ज्यादा कर्मचारी शहीद पथ और वृंदावन योजना में घास व पेड़ों की टहनियां ही काट रहे हैं। लोहिया पथ और अशोक मार्ग में डिवाइडर की पेंटिंग से ज्यादा मेहनत धूल धोने में की जा रही है। यह ऐसे काम हैं, जिनके कारण निगम की किरकिरी हो सकती है।

पिछले एक सप्ताह में अभी लोहिया पथ से पौधों की छंटाई से निकला कचरा उठाया भी नहीं जा सका है। निगम के पास उद्यान विभाग है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर गमले उसे किराए पर लेने होते हैं इसलिए कार्यक्रम में भी शहर के चैराहों को सुंदर गमले लगाकर सजाया जाना है। कुछ स्थानों पर वर्टिकल गार्डेन बनाने के लिए क्यारियां बनाई जा रही हैं। निगम की हमेशा एक बड़ी दिक्कत बनकर आती है, वह है कई खुले नाले और आवारा पशुओं की हर क्षेत्र में मौजूदगी। शहर में आज भी सैकड़ों की संख्या में आवारा पशु हैं। यह सड़क पर घूमने वाले हैं। इसी तरह से तमाम नाले और नालियां भी खुली ही हैं, इनसे निजात पाना फिलहाल निगम के बस की बात नहीं है। यह लंबी प्रक्रिया है और कई जोन में इसके प्रति लापरवाही रहती है।

अभी तक डिवाइडर की रंगाई और नालियों का निर्माण पूरी तरह से नहीं हो सका है, उन्हें कवरिंग करने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण है। नाला कवरिंग के लिए कई लाख रूपए का बजट पास किया गया है। इसमें विभूतिखंड और गोमतीनगर के लिए 13 लाख से ज्यादा का बजट दिया गया है। इसी तरह से कई स्थानों के लिए अलग-अलग बजट दिया गया है। जी20 सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की तैयारियों को देखने के लिए नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह भी चक्कर लगा रहे हैं। वृंदावन कॉलोनी, बेहसा मोड़ और एयरपोर्ट परिसर में शौचालय, चिल्लावा गांव में जलभराव, अर्जुनगंज, सुल्तानपुर रोड व संरसावा चैराहे के आस-पास अतिक्रमण, अलीगंज, राजेंद्र नगर और पुराने लखनऊ में 100 से अधिक अवैध विज्ञापनों को लेकर उन्होंने सख्ती वाले तेवर भी दिखाए। जो काम बचे हैं, उन्होंने पूरा करने के लिए निर्देशित भी किया है।

रिपोर्ट-पकंज पाण्डेय

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version