नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बीते साल भारत ने दिखाया है कि वायरस हो या बॉर्डर की चुनौती, भारत अपनी रक्षा के लिए पूरी मजबूती से हर कदम उठाने में सक्षम है। वैक्सीन का सुरक्षा कवच हो या फिर भारत को चुनौती देने वालों के इरादों को आधुनिक मिसाइल से ध्वस्त करना, भारत हर मामले में समर्थ है। पिछले साल 15 अगस्त को तटीय और सीमावर्ती क्षेत्रों के लगभग 175 जिलों में एनसीसी को नई जिम्मेदारियां दिए जाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा एक लाख एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें एक तिहाई लड़कियां हैं।
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को दिल्ली कैंट के करियप्पा ग्राउंड में चल रहे राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के शिविर में पहुंचे और कैडेट्स के परेड की सलामी ली। उन्होंने कहा कि भारत की वीर बेटियां हर मोर्चे पर शत्रु से लोहा लेने के लिए आज भी मोर्चे पर डटी हैं। आपके शौर्य की देश को जरूरत है और नई बुलंदी आपका इंतजार कर रही हैं। मैं आपमें भविष्य के अधिकारी देख रहा हूं। एनसीसी ने बालिका कैडेटों में 35ः की वृद्धि देखी है। हमारे रक्षा बलों के हर मोर्चे को महिलाओं के लिए खोला जा रहा है। एनसीसी रैली के दौरान प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी। प्रधानमंत्री ने एनसीसी कैडेट्स को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन जिस मैदान पर हो रहा है, उसका नाम फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के नाम पर है, वो भी आपके लिए बड़ी प्रेरणा हैं। उनका जीवन शौर्य की अनेक गाथाओं से भरा है। 1947 में उनके रणनीतिक कौशल की वजह से ही भारत को युद्ध में निर्णायक बढ़त मिली थी।
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उन्होंने परेड की सलामी लेने के बाद कैडेट्स को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास है कि एनसीसी की भूमिका का और अधिक विस्तार हो। सीमा और तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करने के लिए एनसीसी की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। एनसीसी के बाद भी अनुशासन की भावना आपके साथ रहनी चाहिए। आप अपने आसपास के लोगों को भी निरंतर इसके लिए प्रेरित करेंगे तो भारत का समाज और देश मजबूत होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े यूनिफॉर्म यूथ ऑर्गनाइजेशन के रूप में एनसीसी संगठन दिनों-दिन और मजबूत होता जा रहा है। यह वर्ष एक कैडेट के रूप में, भारतीय नागरिक के रूप में नए संकल्प लेने का वर्ष है। देश के लिए संकल्प लेने का वर्ष है। देश के लिए नए सपने लेकर चल पड़ने का वर्ष है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के पूरे कालखंड में लाखों कैडेट्स ने देशभर में जिस प्रकार प्रशासन, समाज के साथ मिलकर काम किया है, वो प्रशंसनीय है। इसके अलावा बाढ़ हो या कोई अन्य आपदा, एनसीसी कैडेटों ने पिछले साल इस देश के लोगों की मदद की। कोरोना अवधि के दौरान लाखों कैडेटों ने देशभर में प्रशासन और समाज के साथ काम किया जो सराहनीय है। हमारे संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों की बात कही गई है, वो निभाना सभी का दायित्व है। ये कालखंड चुनौतीपूर्ण तो रहा लेकिन ये अपने साथ अवसर भी लाया। यह अवसर था चुनौतियों से निपट कर विजयी बनने का, देश के लिए कुछ कर गुजरने का, देश की क्षमताएं बढ़ाने का, आत्मनिर्भर बनने का, साधारण से असाधारण और असाधारण से सर्वश्रेष्ठ बनने का। इन सभी लक्ष्यों की प्रप्ति में भारत की युवा शक्ति की भूमिका और युवा शक्ति का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है। आप सभी के भीतर मैं एक राष्ट्रसेवक के साथ ही एक राष्ट्र रक्षक भी देखता हूं। एनसीसी कैडेट्स से प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, ये वर्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती का भी है। जीवन में प्रेरणा के इतने बड़े अवसर एक साथ आएं ऐसा बहुत ही कम होता है। नेताजी सुभाष ने अपने पराक्रम से दुनिया की सबसे मजबूत सत्ता को हिलाकर रख दिया था, आप नेताजी के बारे में जितना पढ़ेंगे उतना ही आपको लगेगा कि कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती कि आपके फैसले को डिगा सके।