कोरोना वैक्सीनेशन: जनता बेफिक्र, जिम्मेदार हुए लापरवाह

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लखनऊः एक बार फिर कोरोना का नए वेरिएंट सबको अपने चपेट में लेने को बेकरार दिखाई दे रहा है और पुरानी पाबंदियों के लौटने का खतरा मंडरा रहा है। स्वास्थ्य विभाग भले ही कोरोना की चौथी लहर से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम होने का दावा कर रहा हो, लेकिन बचाव के लिए होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन की हालत बहुत खराब है। इसको लेकर जहां जनता बेपरवाह है, तो वहीं अधिकारी भी जमकर लापरवाही बरत रहे हैं।

राजधानी लखनऊ में 01 करोड़ 31 लाख वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से केवल 95 लाख डोज ही अभी तक लग पाई हैं। जिन 36 लाख लोगों का वैक्सीनेशन बाकी है, उनमें से 34 लाख लोग तो वे ही हैं, जिनको बूस्टर डोज लगनी है। कोरोना के केस काबू में आते ही वैक्सीनेशन को लेकर लोगों का उत्साह कम होने लगा, साथ ही स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी भी लापरवाह हो गए। यही कारण है कि लखनऊ में इस वक्त केवल चार केंद्रों सिविल अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, लोहिया अस्पताल और हाईकोर्ट में ही वैक्सीन लगाई जा रही है। वर्तमान में सिर्फ को-वैक्सीन की डोज ही दी जा रही है। इस तरह जिन्होंने कोवीशील्ड, स्पूतनिक या कॉर्बो वेक्स वैक्सीन लगवाई थी, वे न तो दूसरी डोज ले पा रहे हैं और न ही बूस्टर डोज लगवा पा रहे हैं। पहले यही टीकाकरण 80 से ज्यादा केंद्रों पर चल रहा था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कहीं वैक्सीनेशन में बरती जा रही यह लापरवाही लोगों पर भारी न पड़ जाए। हालांकि, आगामी सम्भावित कोविड लहर के मद्देनजर लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग ने 3,872 बेड कोरोना प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए हैं। कोविड के बढ़ने की दशा में 17 अस्पतालों और संस्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां कोविड मरीजों को भर्ती किया जाएगा।

नए सिरे जांच की दरें हुईं निर्धारित

प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है, तो सरकार ने नए सिरे से कोविड जांच की दर निर्धारित कर दी है। इनमें आरटीपीसीआर के साथ ट्रूनॉट और एंटीजन टेस्ट की कीमत भी शामिल हैं। होम सैम्पल लेने के समय आरटीपीसीआर जांच का शुल्क 900 निर्धारित किया गया है, वहीं अगर सैम्पल लैब में जाकर देने पर कीमत कम भी हो सकती है। इसके अलावा एंटीजन टेस्ट के लिए 250 और ट्रूनॉट जांच के लिए अधिकतम 1,250 रुपए तय किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति घर बैठे जांच कराना चाहता है, तो उसे 200 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। निजी लैब में जांच के नाम पर मनमानी वसूली न हो, इसके तहत तय फीस का सख्ती से पालन करने के आदेश जारी किए गए हैं। ऐसा नहीं है कि कोविड की जांच की दरों के निर्धारण का काम पहली बार हुआ हैं।

पूर्व में जो कोविड की लहर आई थी, उनमें भी यही दरें निर्धारित की गई थीं। अब जब एक बार फिर से कोविड का खतरा मंडरा रहा है, इसे देखते हुए नए सिरे से दरों को जारी किया गया है। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार का कहना है कि कोविड की अगली लहर की सम्भावना के चलते हर स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एक बार फिर से कोविड जांच को लेकर दरें जारी की गई हैं। इससे कोविड जांच के नाम पर धन उगाही का धंधा नहीं हो सकेगा। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है कि कोरोना जांच की दरें शासन द्वारा तय कर दी गई हैं। अगर कोई जांच केंद्र पीड़ित से मनमानी कीमत वसूल करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकारी संस्थानों में यह जांच पूरी तरह से निःशुल्क है।

सरकारी में 325, प्राइवेट में 800 में लगेगी नेजल वैक्सीन

इसके अलावा नेजल यानी नाक द्वारा दी जाने वाली एंटी कोरोना वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में 325 रूपए तो निजी अस्पतालों में इसकी कीमत 800 रूपए प्रति टीका निर्धारित की गई है। भारत सरकार ने मंजूरी मिलने के बाद कम्पनी ने इसकी कीमत निर्धारित की। भारत बायोटेक का इनकोवैक टीका जनवरी के आखिरी या फरवरी की शुरूआत में सभी अस्पतालों व वैक्सीनेशन केंद्रों में उपलब्ध रहेगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जिन्होंने दोनों खुराक कोविशील्ड या कोवैक्सीन की लगवा ली है, वह इस नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के रूप में लगवा सकते हैं।

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