सावधान ! राजस्थान में चिंता बढ़ाने लगा कोरोना, जुलाई में हुई जितनी मौतें, उतनी अगस्त के पांच दिनों में ही

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जयपुरः राजस्थान में कोरोना एक बार फिर चिंता बढ़ा रहा है। कोरोना से मौतें होना शुरू हो गई है। अगस्त के शुरुआती पांच दिनों में ही 12 लोग कोरोना से संक्रमित होने के बाद दम तोड़ चुके है। जुलाई से लगातार कोरोना के केस भी बढ़ने लगे है और प्रदेश में मिलने वाले नए संक्रमितों की संख्या रोजाना चार सौ को पार करने लगी है। इस कारण एक बार फिर कोरोना संक्रमण की भयावहता दिखने लगी है।

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इस साल के सबसे ज्यादा कोरोना मरीज जुलाई में मिले थे। इसके बाद अगस्त की शुरुआत के आंकड़े भी अब डरा रहे है। इस माह में पांच अगस्त तक कुल 1785 नए संक्रमित मिल चुके है और कुल 12 की मौत हुई है। साल 2022 के सबसे ज्यादा मामले अकेले जुलाई में सामने आए है, लेकिन अगस्त की शुरुआत जुलाई से भी तेज हुई है। जुलाई में ही करीब साढ़े पांच हजार से अधिक मामले आए थे। मई में 2098 मामलों के साथ पांच मौतें, जून में 2677 मामलों के साथ आठ मौतें, जुलाई में 5742 नए मामलों के साथ बारह मौतें और अगस्त के शुरुआती पांच दिनों में ही 1785 नए मामलों के साथ 12 मौतें हो चुकी हैं। जून में मई के मुकाबले 28 प्रतिशत ज्यादा केसों में बढ़ोतरी हुई।

वहीं मई के मुकाबले जुलाई में करीब 40 फीसदी से अधिक कोरोना संक्रमण में वृद्धि हुई। प्रदेश में कोरोना के रोजाना मामले जून में 100 से कम आ रहे थे। जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रतिदिन 100 के करीब आने लगे। जुलाई के अंत तक रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या 300 को छू गई। अगस्त की शुरुआत 300 के आंकड़े से हुई और गत दो दिन से यह संख्या 400 के आंकड़े को पार कर गई हैं। अगस्त माह में प्रत्येक दिन मौत हो रही है। जुलाई माह में जितनी मौतें हुई थी उतनी मौत तो इस माह के शुरुआती पांच दिन में हो चुकी है।

जून में सक्रिय मरीजों की संख्या 900 से अधिक थी, जो जुलाई में 2000 के करीब पहुंच गई। अगस्त में यह बढ़कर 2607 हो गई हैं। इस माह एक अगस्त को कोरोना के 298 नए केस के साथ दो मौत, दो अगस्त को कोरोना के 300 नए मामलों के साथ 3 की मौत, तीन अगस्त को 343 नए मामलों के साथ 3 की मौत, चार अगस्त को 413 नए संक्रमितों के साथ दो की मौत तथा पांच अगस्त को 431 नए संक्रमितों के साथ 2 मरीजों की मौत हुई हैं। सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉ. मनोज शर्मा का कहना है कि मास्क नहीं लगाना, कोरोना प्रोटॉकॉल का पालन नहीं करना और सर्दी-जुकाम के लक्षण होने पर समय पर चिकित्सक के पास नहीं जाना भारी पड़ रहा है। जिन्हें हार्ट, डायबिटिज, बीपी या अन्य पुरानी बीमारी है उनके संक्रमित होने पर और मरीज का इलाज लेने में देरी करने से केस बिगड़ रहे है।

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