लखनऊः कोरोना का एपिसेंटर बन चुकी राजधानी लखनऊ में बदलते दिन के साथ हालात बिगड़ते जा रहे हैं। एक तरफ जहां संक्रमण के मामलों में शहर पूरे प्रदेश में नंबर-1 पर काबिज है, वहीं मौतों का आंकड़ा भी हर दिन नए रिकाॅर्ड कायम कर रहा है। बीते एक सप्ताह में कोरोना ने 151 लोगों की जान ले ली है, जिसने हर किसी को दहशत में डाल दिया है। कोरोना की दूसरी लहर ने देश के सबसे बड़े सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलकर रख दी है। संक्रमितों की रिकाॅर्ड संख्या के चलते पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है और हर दिन कोरोना के मामले रिकाॅर्ड कायम करते जा रहे हैं। प्रदेश के अन्य शहरों की अपेक्षा राजधानी लखनऊ में हालात काफी भयावह हैं और संक्रमितों के साथ ही मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। राजधानी लखनऊ में बीते एक सप्ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना ने किस तरह लोगों को बेबस बना दिया है। आंकड़ों पर गौर करें तो 19 अप्रैल को जहां 22 लोगों ने अपनी जान गंवाई, वहीं 20 अप्रैल को 19, 21 अप्रैल को 21, 22 अप्रैल 19, 23 अप्रैल को 14, 24 अप्रैल को 42 तो 25 अप्रैल को कोरोना ने 14 लोगों को मौत की नींद सुला दिया। रविवार 25 अप्रैल को भी राजधानी में संक्रमित मरीजों की संख्या 5,187 रही, हालांकि राहत की बात यह रही कि 24 घंटे के भीतर 6,247 मरीज ठीक हुए।
निजी अस्पतालों में कराएं इलाज, सरकार उठाएगी खर्च
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज से इनकार नहीं कर सकता। अगर मरीजों को सरकारी अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा तो निजी अस्पताल में इलाज कराएं। नियमानुसार सरकार इनके उपचार का खर्च वहन करेगी, लेकिन मरीज को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए।
कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि युद्धस्तर पर किए गए प्रयासों का ही नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तरह हाहाकार की स्थिति नहीं है। ऑक्सीजन आपूर्ति सामान्य है। भारत सरकार ने प्रदेश का आवंटन बढ़ाया है। इसकी आपूर्ति यथाशीघ्र प्रदेश में कराई जाए। ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसे अभिनव सहयोग से बड़ा लाभ हुआ है। ऑक्सीजन एयरलिफ्ट भी कराई जा रही है। निजी हो या सरकारी, किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाये जाने की जरूरत है।
कालाबाजारी करने वाले बने जान के दुश्मन
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित लोगों की संख्या जहां हर दिन बढ़ती जा रही है, वहीं इस आपदा के समय में कालाबाजारी करने वाले लोग मरीजों के जान के दुश्मन बन गए हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन आदि की जमकर कालाबाजारी की जा रही है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की मानें तो अब तक दवाओं व आक्सीजन की कालाबाजारी में अब तक 42 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी के विरुद्ध गैंगेस्टर व रासुका के तहत कार्रवाई होगी। सभी जिलों में पुलिस व एसटीएफ लगातार सक्रिय है। एडीजी के अनुसार, पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से 239 आक्सीजन सिलेंडर, 688 रेमडेसिविर इंजेक्शन व 9.22 लाख से अधिक रुपये बरामद हुए हैं।
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सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना पड़ेगा भारी
कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने और भय फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने सभी जिलों के पुलिस कप्तान और पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर को इस संबंध में पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि वह सोशल मीडिया सेल के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 24 घंटे निगरानी रखें।