प्रियंका गांधी के ‘सुनो द्रोपदी’ पर विवाद, कवि ने कहा- कविता चोरी करने वालों से देश क्या रखेगा उम्मीद

0
37

नई दिल्लीः यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की साख मजबूत बनाने में प्रियंका गांधी जुटी हुई हैं। वह लगातार जनसभाएं कर रही हैं और महिलाओं से संवाद भी स्थापित कर रही हैं। इसी क्रम में प्रियंका गांधी बुधवार को चित्रकूट पहुंचीं और मंदाकिनी नदी के रामघाट पर एक कविता के माध्यम से महिलाओं का जोश भरा।

उन्होंने कहा कि ‘सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे। तुम कब तक आस लगाओगी तुम बिके हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुःशासन दरबारों से, सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे। उन्होंने यह कविता महिलाओं को उत्साहित करने और उनमें जोश भरने के लिए सुनाई थी। वहीं अब इस कविता पर विवाद उठ खड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग प्रियंका गांधी को इस कविता को लेकर आड़े हाथों ले रहे हैं। कुछ लोग तो इसे पब्लिसिटी स्टंट भी करार दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें-सियासी मैदान की दहलीज पर ‘एक और सिंधिया’, जानिए कौन हैं महानआर्यमन

वहीं कविता को लिखने वाले पुष्यमित्र उपाध्याय ने कहा कि ये कविता उन्होंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि घटिया राजनीति के लिए। उन्होंने कहा कि न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनैतिक उपयोग करें। कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)