इस दिन से शुरू होगा श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य, काशी विश्वनाथ मॉडल पर होगा तैयार!

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वाराणसीः रामनगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए खोदी गई नींव के नीचे सरयू नदी की धारा मिलने से उत्पन्न हुई समस्या का समाधान खोजने में देश के दिग्गज आईआईटी के विशेषज्ञ जुटे हुए है। मंदिर का ड्राइंग सामने आते ही निर्माण कार्य मकर संक्रान्ति 14 जनवरी से शुरू हो जायेगा। तीन मंजिला श्रीराम मंदिर (161) फीट ऊंचा और 360 फीट लम्बा, 235 फीट चौड़ा होगा। मंदिर दिसम्बर 2023 तक समाज के सामने आ जायेगा। शुक्रवार को ये जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने दी।

इंगलिशिया लाइन स्थित विश्व हिन्दू परिषद के कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान महासचिव ने बताया कि मंदिर का परकोटा (बाउंड्री वॉल) पांच एकड़ में होगी। मंदिर को दीर्घकाल तक मजबूत रखने के लिए पत्थरों के साथ तांबे का भी प्रयोग होगा। उन्होंने बताया कि मंदिर को अनेक बार तोड़ा गया। इसका प्रमाण सामने आ रहा है। नींव के नीचे पचास फीट तक मलबा भरा पड़ा है। उसके बाद भुरभुरी बालू है। यहां सरयू का जल प्रवाह रहा, सामने आ चुका है। इसरो की फोटोग्राफी भी बताती है।

उन्होंने बताया कि मंदिर के निर्माण और दीर्घकाल तक स्थाई हो इसके लिए प्रयास चल रहा है। आमतौर पर सीमेंट की आयु 150 वर्ष तक ही होती है। ऐसे में कम से कम इसकी आयु चार सौ साल हो इस पर भी मंथन हो रहा है। मंदिर में चार लाख घनफुट पत्थर लगाया जायेगा। मंदिर में प्रवेश के लिए 32 सीढ़ी चढ़नी होगी। दिव्यांगों, बुजुर्गों के लिए लिफ्ट, रैम्प एस्कलेटर भी लगाया जायेगा। इस पर मंथन चल रहा है। उन्होंने कहा कि राममंदिर हिन्दुस्तान की अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। इसे देख कर आने वाली पीढ़ी को पुरानी बातें याद नही आयेगी।

चार लाख कार्यकर्ता मकर संक्रान्ति से माघी पूर्णिमा तक करेंगे धन संग्रह

अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद के चार लाख कार्यकर्ता मकर संक्रान्ति से माघी पूर्णिमा 27 फरवरी तक गांव-गांव शहर के वार्डों में धन संग्रह करेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कार्यकर्ता देशभर के चार लाख गांव, चार हजार वार्ड कुल 11 करोड़ परिवारों तक धन संग्रह के लिए जायेंगे। इसके लिए 10 रूपये, 100 रूपये, दस हजार का कूपन भी बनाया गया है।

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उन्होंने कहा कि धन संग्रह पूरी तरह पारदर्शी होगा। लोगों से धन संग्रह के बाद तीन बैंकों स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा के 46000 शाखाओं में जो भी निकट होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में कार्यकर्ता पैसा जमा करेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें विश्वसनीय और समर्पित कार्यकर्ता ही लगाये जायेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि दान में चांदी और सोना न दे। इसका मंदिर निर्माण में कोई उपयोग नहीं है।