Chhattisgarh: महंगाई के मुद्दे पर BJP को घेरेगी कांग्रेस, कई बड़ी घोषणाओं की उम्मीद

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रायपुर: देश में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है और यही वजह है कि बीजेपी के विरोधी महंगाई को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ‘महंगाई पर मरहम’ लगाकर मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां इस साल विधानसभा चुनाव और एक साल के अंदर लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए राजनीतिक दलों ने ऐसी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है, जिससे वे दोनों चुनाव जीत सकें। लगातार बढ़ती महंगाई को कांग्रेस बड़ा मुद्दा बना रही है और चुनाव में भी इसी मुद्दे के जरिए बीजेपी को घेरने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई से लोगों का जीना मुहाल करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। राज्य के मौजूदा राजनीतिक मुद्दों पर नजर डालें तो बीजेपी लगातार कांग्रेस पर राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाकर उसे घेर रही है।

कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रही है, वहीं राज्य सरकार भी महंगाई के जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार के मंत्री अकबर मोहम्मद की अध्यक्षता में गठित कांग्रेस घोषणा पत्र समिति आगामी चुनाव में मतदाताओं के सामने बिजली बिल 200 की जगह 250 से 300 यूनिट तक आधा करने, गैस पर सब्सिडी देने, गरीबों को आवासीय पट्टा देने की घोषणा कर सकती है। इसके अलावा अभी 2 रुपये प्रति किलो गोबर खरीदा जा रहा है, इसे 5 रुपये प्रति किलो तक बढ़ाया जा सकता है।

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चुनावों में होगी कड़ी टक्कर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि राज्य विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव दोनों ही बेहद दिलचस्प होने वाले हैं। यहां मुकाबला पूरी तरह से केंद्र सरकार बनाम राज्य सरकार होने जा रहा है। बीजेपी जहां केंद्र सरकार की गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं को मुद्दा बना रही है, वहीं कांग्रेस महंगाई पर अपनी ओर से लगाए जा रहे मरहम के साथ छत्तीसगढ़ी अस्मिता को बड़ा मुद्दा बना रही है।

कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की कार्रवाई को भी मुद्दा बना लिया है। कुल मिलाकर लोकसभा से पहले होने वाला विधानसभा चुनाव दोनों राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम रहने वाला है। राज्य विधानसभा में दलीय स्थिति पर नजर डालें तो 90 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के 71, भाजपा के 13, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के तीन, बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक हैं और एक सीट खाली है।

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