ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना, कहा- सही ढंग ने नहीं रखा गया पक्ष

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भोपालः मध्य प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए दिए गए आरक्षण को समाप्त करके चुनाव कराने का निर्देश दिया है। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने एक बार फिर अदालत में अपना ओबीसी विरोधी चेहरा पेश किया है। अगर मध्य प्रदेश सरकार जोरदार तरीके से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती तो आरक्षण समाप्त होने की नौबत नहीं आती।

यह आरोप शनिवार को कांग्रेसी विधायक और पूर्व पंचायती राज मंत्री कमलेश्वर पटेल ने लगाते हुए कहा कि इस फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को गहरा धक्का पहुंचा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सोच हमेशा से आरक्षण को समाप्त करने की रही है। इसीलिए जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया गया और मामला उच्चतम न्यायालय में गया। अगर शिवराज सरकार उच्चतम न्यायालय में सही ढंग से पैरवी करती तो इस तरह का फैसला नहीं आता।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में या उच्च न्यायालय में नहीं गई थी। इस बात को कांग्रेस पार्टी ने 6 दिसंबर को सार्वजनिक कर दिया था। संबंधित पक्षकार निजी हैसियत में अदालत में गए थे। कांग्रेस पार्टी ने ग्राम पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के असंवैधानिक पक्षों का विरोध किया था और उन्हें सार्वजनिक किया था, लेकिन कांग्रेस ने चुनाव का विरोध नहीं किया था।

पटेल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में पक्षकारों ने रोटेशन प्रणाली पर सवाल उठाया था जो कि ओबीसी आरक्षण से भिन्न विषय है। जब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला सुनाया तो यह मध्य प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह आरक्षण के समर्थन में उचित तर्क न्यायालय में पेश करती।

उन्होंने कहा कि नौकरियों में आरक्षण के मामले में हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई में भी सरकार की ओर से वकील पेश नहीं हुए और मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टल गई। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट में भी ओबीसी आरक्षण के बारे में पक्ष नहीं रखा गया और सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में ऐसी असंवैधानिक गलतियां छोड़ दी थी जिनसे ओबीसी के हित प्रभावित हों। भाजपा सरकार को तत्काल इस मामले में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करके तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए ताकि ओबीसी वर्ग के लोगों को पंचायत में उनका हक मिल सके।

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उन्होंने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ओबीसी के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रहेगी। कमलनाथ की सरकार ने नौकरियों में भी ओबीसी को आरक्षण दिया था जिस की लड़ाई कांग्रेस पार्टी अदालत में लड़ रही है। पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी हर तरह के आंदोलन और न्यायिक विकल्प के लिए तैयार है।

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