रायपुरः पिछले एक हफ्ते के अंदर रेलवे ने छत्तीसगढ़ से चलने वाली 40 से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनों को फिर से रद्द कर दिया है और 14 लोकल ट्रेनों को भी बंद करने का आदेश जारी किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि यह रेलवे का जनविरोधी निर्णय है। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की रेल यात्री सुविधाओं की लगातार अनदेखी कर रही है। बिना किसी ठोस कारण के यात्री ट्रेनों को रद्द करने की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा पिछले तीन वर्षों से की जा रही है। रेलवे और केंद्र सरकार की मनमानी पर छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेता चुप्पी साधे हुए हैं।
निजीकरण की तैयारी में सरकार
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार यात्री ट्रेनों व रेल सुविधाओं को बंद करने की साजिश कर रही है। देशभर में यात्री ट्रेनें बंद की जा रही हैं। पैसेंजर ट्रेनें अचानक रद्द कर दी गईं। यात्री ट्रेनें घंटों नहीं बल्कि दो दिन की देरी से चल रही हैं। रेलवे को लेकर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री परिवहन सुविधा का निजीकरण करने की साजिश रच रही है। पहले से रेल टिकट बुक कराकर आने-जाने की तैयारी कर जनता को धोखा दिया जा रहा है। तीन साल से अधिक समय हो गया है जब से ट्रेनों को अचानक बंद किया जा रहा है।
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मुनाफाखोरी नीति से लोग परेशान
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था और बिना किसी पूर्व सूचना के केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय छत्तीसगढ़ में लगातार ट्रेनों को रद्द कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ की जनता बेहद परेशान है। यूपीए सरकार के दौरान यात्री ट्रेनों और माल ढुलाई में समन्वय और संतुलन था। जिसके कारण कभी भी यात्री ट्रेनों को रद्द करने की नौबत नहीं आई, बल्कि केंद्र सरकार की ‘मुनाफाखोरी नीति’ के कारण, क्योंकि यात्री किराये की तुलना में कोयला परिवहन में 30 से 40 प्रतिशत अधिक मुनाफा होता है। यात्री ट्रेनों की जगह कोयला परिवहन को प्राथमिकता दी जा रही है।
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