मध्य प्रदेश

जातीय जनगणना समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में गायब दिखे कमलनाथ

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भोपाल: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक्शन मोड में नजर आ रही है। चुनावी घोषणापत्र को लेकर भोपाल स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने जातीय जनगणना से लेकर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने, आम आदमी के अधिकारों का हनन और वंचितों की उपेक्षा जैसे गंभीर आरोप लगाए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई वरिष्ठ नेता रहे मौजूद

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अनुपस्थिति राजनीतिक चर्चा के केंद्र में रही। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभाग पटेल ने दावा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो आधी आबादी को पूरा अधिकार देने के लिए सरकारी नौकरियों में 50 फीसदी पद आधी आबादी के लिए होंगे, इसके साथ ही आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का मानदेय दोगुना किया जाएगा।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कांग्रेस के न्याय पत्र का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा व्यवस्था से नाखुश हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने केंद्र सरकार पर किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार किसानों को तोड़ने का काम कर रही है। केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो समर्थन मूल्य की गारंटी का कानून बनाया जाएगा।

घोषणा पत्र में हर वर्ग को जोड़ने का वादा

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इस घोषणा पत्र में समाज के हर वर्ग को जोड़ने का वादा किया गया है। समाज में बदलाव की जरूरत है। वर्तमान समय में चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार, अनुसूचित जाति, जनजाति व कमजोर वर्ग के अधिकारों की बात नहीं करती। जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के लिए कांग्रेस विशेष पहल करेगी।

जातीय जनगणना पर क्या बोले दिग्विजय

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर जातीय जनगणना नहीं कराने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर हर 10 साल में जनगणना होती है लेकिन 2021 में होने वाली जनगणना नहीं करायी गयी। जब तक जातीय जनगणना नहीं हो जाती, तब तक पता नहीं चलेगा कि किसकी कितनी हिस्सेदारी है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राहुल गांधी की दोनों पदयात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन यात्राओं से जनता का जो दर्द सामने आया, उसे न्याय पत्र में शामिल किया गया है। उसी के आधार पर जजमेंट पेपर तैयार किया गया है। इस न्याय पत्र में पाँच न्याय हैं। युवा, महिलाएं, किसान, श्रमिक और हितधारक। हमने 25 गारंटी भी दी हैं।


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