मुंबईः 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर शरद पवार (sharad pawar) को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए का अध्यक्ष बनाने की मांग उठने लगी है। हालांकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्हें यूपीए का अध्यक्ष बनने की कोई इच्छा नहीं है, लेकिन वे विरोधी दलों को एकजुट करने का प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश में तेजी से बढ़ रही महंगाई पर बोलने की फुर्सत मोदी सरकार को नहीं है, जबकि महंगाई से लोगों की हालत खराब होती जा रही है। देश में इस समय केंद्रीय जांच एजेंसियों का जितना राजनीतिक उपयोग किया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ था।
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शरद पवार (sharad pawar) ने रविवार को कोल्हापुर में पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ एकबार आपातकाल लगाने की गलती की थी, उसकी सजा कांग्रेस को भुगतनी पड़ी थी। कांग्रेस पार्टी की सरकार चली गई थी, लेकिन जब जनता को समझ में आ गया तो दो साल बाद देश की जनता ने फिर से कांग्रेस को सत्ता दे दी थी। लेकिन इस समय केंद्र सरकार ने आपातकाल से भी बदतर हालत बना दिया है। अनिल देशमुख के बारे में पहले चार्जशीट में 100 करोड़ का मामला बताया गया, दूसरी बार यह रकम घटकर 4.7 करोड़ हो गई और अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोर्ट को बता रहा है कि घोटाले की रकम 1.7 करोड़ रुपये ही है। अनिल देशमुख के घर तथा कार्यालय पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने 110 छापा मारा है, यह आपातकाल से ही भयंकर है। देश की जनता यह सब देख रही है और समय आने पर अपना जवाब देगी।
शरद पवार (sharad pawar) ने कहा कि केंद्र सरकार का काम पोषक माहौल बनाना रहता है, लेकिन इस समय समाज में जहर बोने का काम हो रहा है। कश्मीर फाइल्स नामक फिल्म बनाने की जरूरत ही नहीं थी। इसी तरह देश में समाज-समाज के बीच जहर बोया जा रहा है। देश में हर दिन जिस तरीके से पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं, इस तरह की वृद्धि इससे पहले कभी नहीं हुई थी। इसका असर देश में महंगाई पर हो रहा है लेकिन मोदी सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है। शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को देश में महंगाई कम करने पर प्राथमिकता से काम करना चाहिए, जिससे आम जनता को राहत मिल सके।
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