नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की स्थिति और संघर्ष वाले क्षेत्रों से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के संबंध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बुधवार को बात की थी। इसके एक दिन बाद, कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षित मार्ग का आश्वासन बहुत पहले मांगा जाना चाहिए था। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट किया, “रूस से सुरक्षित मार्ग का आश्वासन बहुत पहले लिया जाना चाहिए था। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को अंतिम समय में ‘आत्मनिर्भर’ की गोली देने के बजाय, भाजपा सरकार को बहुत पहले एक निकासी/सुरक्षित मार्ग का ब्लू प्रिंट तैयार करना चाहिए था!”
बुधवार को पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के हालात पर चर्चा की और देश में फंसे भारतीयों के लिए सुरक्षित मार्ग की मांग की। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने विशेष रूप से खारकीव शहर में स्थिति की समीक्षा की, जहां कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, और संघर्ष क्षेत्रों से उनकी सुरक्षित निकासी पर चर्चा की।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मांग की थी कि सरकार निकासी योजना का विवरण साझा करे। उन्होंने ट्वीट किया, “आगे की त्रासदी को टालने के लिए, भारत सरकार को साझा करना चाहिए, कितने छात्रों को निकाला गया है। कितने अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं।” एमईए ने कहा कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास द्वारा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद से लगभग 17,000 भारतीय नागरिक युद्धग्रस्त देश छोड़ चुके हैं।
यह भी पढ़ेंः-IPL 2022: RCB-KKR और पंजाब को मिल गए कप्तान ! इस खिलाड़ी की कप्तानी में खेंलेंग कोहली
एमईए के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि कीव में दूतावास को भारतीय नागरिकों द्वारा पड़ोसी यूरोपीय देशों में सीमा पार करने की सुविधा के लिए लविव में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय पासपोर्ट खोने वालों को आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)