Congress MLA Sunil Kedar: कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सुनील केदार और 4 अन्य को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) के 150 करोड़ रुपये के घोटाले में दोषी ठहराया गया है। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में 3 लोगों को बरी कर दिया है।
नागपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शुक्रवार को अपने फैसले में तत्कालीन बैंक अध्यक्ष सुनील केदार, मुख्य बांड दलाल केतन शेठ, तत्कालीन बैंक प्रबंधक अशोक चौधरी और तीन अन्य बांड एजेंटों को दोषी ठहराया। बाकी श्रीप्रकाश पोद्दार, सुरेश पेशकार और महेंद्र अग्रवाल को निर्दोष बताया गया है। अभी कोर्ट से सजा पर फैसला आना बाकी है। नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में हुए 150 करोड़ रुपये के घोटाले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बहस चल रही है।
20 साल से चल रहा था केस
यह पूरा घोटाला 150 करोड़ रुपये का था और पिछले 20 साल से कोर्ट में चल रहा था। साल 2002 में नागपुर डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल बैंक में 152 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया था। उस समय सुनील केदार बैंक के चेयरमैन थे। उस समय मुंबई, कोलकाता और अहमदाबाद की कुछ कंपनियों ने बैंक फंड से 125 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदे थे।
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क्या था मामला
राज्य आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी थे। जांच पूरी होने के बाद 22 नवंबर, 2002 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। तब से यह मामला लंबित था। सेंचुरी डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड, सिंडिकेट मैनेजमेंट सर्विसेज और गिल्टेज मैनेजमेंट सर्विसेज की मदद से इन लोगों ने नागपुर डिस्ट्रिक्ट इंटरमीडिएट बैंक के फंड से सरकारी बॉन्ड (शेयर) खरीदे, लेकिन बाद में इन कंपनियों से खरीदा गया कैश बैंक में कभी वापस नहीं आया। बॉन्ड खरीदने वाली ये सभी निजी कंपनियाँ दिवालिया घोषित कर दी गईं।
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