नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बीच संसद ने रक्षा मंत्री के बयान को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मोदी सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा को पूर्ण प्राथमिकता नहीं देने का आरोप लगाया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी ने रविवार को पत्रकार वार्ता ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा है जब दो मोर्चों पर युद्ध जैसी स्थिति है। निश्चित रूप से पाकिस्तान बहुत पहले से ही बॉर्डर पर आतंक को बढ़ावा दे रहा है। चीन भी एलएसी पर अपनी सैन्य संख्या बढ़ाने के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर, उपकरण को मजबूत कर रहा है। चीन की ओर से यह स्थिति पूर्ण बॉर्डर पर है। अरुणाचल, लद्दाख, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक ऐसी स्थिति है।
एलएसी की बात करते हुए एके एंटनी ने कहा कि कुछ दिन पहले हमारे रक्षा मंत्री ने संसद में पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति पर बयान दिया और कहा कि पैंगोंग में डिसएंगेजमेंट किया गया। इससे पहले मैं आपको गलवान वैली की डिसएंगेजमेंट के बारे में बताता हूं। बॉर्डर पर शांति का हम स्वागत करते हैं, लेकिन सवाल यह है कि किस कीमत पर? यह बेहद जरूरी है। पैंगोंग और गलवान डिसएंगेजमेंट एक सरेंडर है। हमने नियंत्रण वाले इलाके को सरेंडर किया है। वह इलाके जो भारत की कंट्रोल में थे उन इलाकों में हमने अपने अधिकारों को सरेंडर कर दिया है।
वार्ता के दौरान एंटनी ने मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार को नसीहत भी दी। उन्होंने बताया कि कैसे भारत के सामने दो मोर्चों पर युद्ध जैसी स्थिति और उससे कैसे निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में खास तौर पर अरुणाचल प्रदेश, पूर्वी लद्दाख और सिक्किम बॉर्डर समेत कई बिंदुओं पर उनकी सेनाओं की संख्या बढ़ रही है, मजबूत हो रही है। हाल ही में मीडिया में यह रिपोट्स आई थी कि अरुणाचल में उनकी ओर से नए गांव बसा दिए गए। सिक्किम बॉर्डर पर भी उनकी गतिविधि बढ़ गई है। ऐसे में केएक चीज साफ है कि पूरे भारत-चीन बॉर्डर पर 24 घंटे ध्यान देने की आवश्यकता है। बेशक हमारी सेनाए तैयार हैं। अपने जीवन और स्वास्थ्य को खतरे में डालकर 24 घंटे हमारी सेनाएं चौकन्ना हैं। उन्हें देश और सरकार के सपोर्ट की जरूरत है। चीन अपनी सेना, इंफ्रास्ट्रक्चर और ताकत को बढ़ा रहा है। ऐसे में जरूरत है कि हम भी उसके स्तर पर अपनी ताकत को बढ़ाएं।
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बजट में रक्षा को लेकर एके एंटनी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि केंद्रीय बजट को देखिए। जब भारत दो मोर्चों पर युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। ऐसे में सभी को उम्मीद थी की रक्षा बजट में सरकार पर्याप्त वृद्धि करेगी। लेकिन पिछले साल की तुलना में सरकार ने इस साल 1.48 फीसदी कम है। यह देश के साथ दोखा है। सरकार ने हमारी सेनाओं को छोड़ दिया है। यही वजह है कि मैं कह रहा हूं कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे रही है। बजट के बाद हम सभी ने सरकार से यह अनुरोध किया कि कृपया मौजूदा हालात को समझिए और रक्षा बजट को बढ़ाइए।