तिरुवनंतपुरम: स्थानीय स्वशासन मंत्री एम.बी. राजेश ने शुक्रवार को घोषणा की है कि मनरेगा श्रमिकों को दिए गए वेतन को क्रेडिट करने में देरी होने पर मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा राज्य रोजगार गारंटी कोष से लिया जाएगा और अगर यह पता चलता है कि देरी उनकी अक्षमता के कारण हुई है तो बाद में यह दोषी अधिकारियों से लिया जाएगा।
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मंत्री ने बताया कि काम खत्म होने के बाद 15 दिनों के भीतर मजदूरी जमा कर दी जानी चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो 16वें दिन से राशि के भुगतान तक 0.05 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। राजेश ने बताया कि श्रमिकों द्वारा एक कार्य पूरा करने के दो दिनों के भीतर सूचना प्रबंधन सूचना प्रणाली में डाल दी जानी चाहिए और पांच कार्य दिवसों के भीतर सभी वेरिफिकेशन पूरा किया जाना चाहिए।
अंत में दो दिन बाद कर्मचारी को पैसे ट्रांसफर करने की व्यवस्था की जाए। जिला कार्यक्रम समन्वयक को यह सुनिश्चित करने का काम दिया गया है कि चीजें सही हों और भुगतान समय पर हो।
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