जीएसटी से बचने के लिए कम्पनियां 25 किलो के पैकेट कर रहीं पैक

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नोएडा: जुलाई में 25 किलोग्राम से कम वजन वाले गैर-ब्रांडेड लेबल और पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों पर केंद्र द्वारा 5 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने के बाद, अधिकांश कम्पनियां अब 25 किलोग्राम से अधिक के अपने सामान को एक ही पैकेट में पैक कर रही हैं, जिससे उन्हें पैकेट में कर लगाने से छूट दी जाएगी।

जीएसटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने स्पष्ट किया था कि अनाज, दाल और आटा जैसे 25 किलोग्राम से अधिक वजन वाले और एक पैकेट में पैक किए गए पूर्व-पैक खाद्य पदार्थो को जीएसटी से छूट दी जाएगी।

25 किलो से कम वजन वाले पैकेज्ड फूड आइटम्स पर ही पांच फीसदी जीएसटी लगता है। अगर कोई रिटेलर डिस्ट्रीब्यूटर या प्रोडक्ट मैन्युफैक्चर से सीधे 25 किलो का पैकेट खरीद कर उसे रिटेल मात्रा में बेचता है तो ग्राहक जीएसटी से बच जाता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति 10 किलो का पैकेट बाजार से खरीदता है, तो वह अपनी जेब से 5 प्रतिशत का भुगतान करता है।

खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने से जहां जनता की जेब ढीली होती है, वहीं कर के रूप में वसूल की गई एक बड़ी राशि सीधे सरकारी खजाने तक पहुंचती है। हालांकि, खुदरा व्यापारियों और निर्माण कम्पनियों ने केंद्र के इस कदम का मुकाबला करने का एक रास्ता खोज लिया। चूंकि 25 किलोग्राम से अधिक वजन वाले खाद्य पैकेटों पर जीएसटी नहीं लगता है, इसलिए अधिकांश कम्पनियां 25 किलोग्राम से अधिक वजन वाले अपने सामान को एक ही पैकेट में पैक करने का सहारा ले रही हैं।

ग्रेटर नोएडा में एक किराना दुकान के मालिक राकेश सिंह ने कहा कि वह शुल्क से बचने के लिए सीधे कम्पनियों से भारी पैकेट खरीदते हैं। ब्रांडेड अनाज और दाल बेचने वाली कम्पनियां 25 किलोग्राम से अधिक वजन के पैकेट में खाद्य सामग्री पैक करती हैं और उन्हें किराना स्टोर पर बेचती हैं। ग्राहक इन वस्तुओं को बिना किसी जीएसटी के किराना दुकानों से खुदरा के रूप में खरीदते हैं।

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