तखतसागर की गहराई में छह दिन बाद मिला कमांडो अंकित का शव

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जोधपुरः जोधपुर के तखत सागर जलाशय में छह दिन पहले एक अभ्यास के दौरान हेलिकॉप्टर से कूदे सेना के कमांडो कैप्टन अंकित गुप्ता का शव मंगलवार दोपहर पत्थरों के बीच 46 फीट नीचे अटका मिल गया। कैप्टन अंकित गुप्ता की खोज के लिए सेना ने देशभर से अपने विशेषज्ञों, गोताखोरों व कमांडो को बुला रखा था। छठे दिन दोपहर बाद उनका शव तखतसागर की गहराई में एक स्थान पर फंसा मिला। कैप्टन अंकित के शव को यहां से सीधे सेना अस्पताल ले जाया गया है। उन्हें भी सेना अस्पताल ले जाया गया है।

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पैरा कमांडो स्पेशल फोर्सेज का पूरे साल अभ्यास चलता रहता है। डेजर्ट वारफेयर में महारथ रखने वाली 10 पैरा के कमांडो को एक अभ्यास के दौरान एक हेलिकॉप्टर से पहले अपनी बोट को पानी में फेंक स्वयं भी कूदना था। इसके बाद उन्हें बोट पर सवार होकर दुश्मन पर हमला बोलना था। इस अभियान के तहत कैप्टन अंकित के नेतृत्व में 4 कमांडो ने तखत सागर जलाशय में 07 जनवरी को पहले अपनी नाव को फेंका और उसके बाद खुद भी पानी में कूद पड़े। तीन कमांडो तो नाव पर पहुंच गए, लेकिन कैप्टन अंकित नहीं पहुंच पाए। उनके साथ कमांडो ने थोड़ा इंतजार करने के बाद किसी अनहोनी की आशंका से स्वयं पानी में उतर खोज शुरू की। साथ ही, अपने अन्य साथियों के माध्यम से जोधपुर स्थित मुख्यालय पर सूचना दी। इसके बाद 10 पैरा के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और खोज अभियान शुरू किया। तखतसागर की गहराइयों में गायब हुए कैप्टन अंकित को खोज पाना मुश्किल हो गया था। सेना के कई विशेषज्ञ लगातार 46 फीट तक पानी से भरे तखतसागर में उनकी खोज में जुटे थे।

सर्च ऑपरेशन से जुड़े लोगों का मानना है कि पानी में डूबा कोई व्यक्ति अमूमन तीसरे दिन तक ऊपर आ जाता है लेकिन कैप्टन अंकित के मामले में ऐसा नहीं हो पाया। उनका तर्क था कि कैप्टन ने पानी में कूदते समय सेना की मजबूत जैकेट व वर्दी पहन रखी थी। वर्दी की यह मजबूती उनके शरीर को ऊपर लाने में बाधक बनी हुई है। उनका यह तर्क सही साबित भी हुआ। कमांडो की तलाश में सेना ने बड़े-बड़े कंप्रेशरों की मदद से जलाशय के भूतल के पानी को ऊपर उठाया लेकिन गोताखोरों को कमांडो का शव छठे दिन दोपहर बाद तखतसागर की गहराई में एक स्थान पर फंसा मिला। कैप्टन अंकित के शव को यहां से सीधे सेना अस्पताल ले जाया गया है। उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। उन्हें भी सेना अस्पताल ले जाया गया है।