इंदौर: बीते एक महीने से सेंट्रल जेल में बंद स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। उन पर हिंदू देवी-देवताओं, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं पर अशोभनीय टिप्पणी करने का आरोप है। जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनकी याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। मामले में उन्हें जमानत न देने के हाईकोर्ट के आदेश को इस याचिका में चुनौती दी गई थी।
कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी नए साल पर इंदौर में 56 दुकान स्थित मुनरो कैफे के कार्यक्रम में प्रस्तुति देने आए थे। हिंदू संगठनों को खबर लगी तो उनके कार्यकर्ता भी टिकट लेकर इस कार्यक्रम में पहुंच गए। वहां फारुकी से पहले कॉमेडियन प्रियम प्रतीक व्यास ने ही कथित रूप से हिंदू देवी-देवताओं पर अशोभनीय टिप्पणी शुरू कर दी।
इस पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने उनकी पिटाई कर दी और थाने ले गए। मुनव्वर फारुकी ने सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका लगाई है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज केस को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की है। फारुकी पर एक केस प्रयागराज में भी दर्ज किया गया है।
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इसमें पिछले महीने प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अभी रोक लगा दी है। फारुकी ने इससे पहले डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में जमानत अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई थी। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी।