कोलकाताः पश्चिम बंगाल चुनाव में माकपा-कांग्रेस और आईएसएफ गठबंधन की करारी शिकस्त के बाद अब इन पार्टियों की राहें भी अलग होने लगी हैं। कांग्रेस ने अब फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की अध्यक्षता वाली पार्टी आईएसएफ से खुद को अलग करने की घोषणा की है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने साफ कहा कि भविष्य में अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ वह कोई संबंध नहीं रखना चाहते हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने लेफ्ट और आईएसएफ के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में अप्रत्याशित रूप से लेफ्ट और कांग्रेस को करारी हार मिली है।
पश्चिम बंगाल के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब विधानसभा में कांग्रेस और लेफ्ट का एक भी विधायक नहीं है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “उनकी पार्टी कभी आईएसएफ के साथ गठबंधन करने नहीं गई थी।
यह भी पढ़ेंः-राजस्थान में डोर टू डोर सर्वे में सात लाख लोगों में दिखे बुखार, सर्दी और खांसी के लक्षण
मैंने वाममोर्चा से ऐसा नहीं करने को कहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि वे वादा कर चुके हैं। चूंकि कांग्रेस और वाममोर्चा के बीच पहले से साझेदारी थी, इसलिए संयुक्त मोर्चा का गठन हुआ। मोर्चे का असफल होना तय था, क्योंकि बंगाल के लोगों ने गठबंधन को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।”