नई दिल्लीः देश लगातार बढ़ती मंहगाई ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। पिछले एक साल की बात करें राजधानी दिल्ली में सीएनजी की कीमतों में करीब 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि एलपीजी सिलिंडर 22 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। । इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (दिल्ली) के लिए सीएनजी की तुलनात्मक कीमत 1 मार्च 2022 को 57.01 रुपये प्रति किलोग्राम थी और इस साल 1 मार्च को यह बढ़कर 79.56 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
इसी तरह एक एलपीजी सिलिंडर (14.4 किलोग्राम) की कीमत एक मार्च 2022 को 899.50 रुपये थी और एक मार्च तक यह 1,103 रुपये हो गई।भारत अपनी घरेलू एलपीजी खपत का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। औसत सऊदी अनुबंध मूल्य (सीपी), जिस पर घरेलू एलपीजी की कीमतें आधारित हैं, 2019-20 से 2021-22 के दौरान 454 डॉलर/एमटी से बढ़कर 693 डॉलर/एमटी हो गया।
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2022-23 के दौरान फरवरी 2023 के लिए सऊदी सीपी 790 डॉलर/एमटी तक बढ़ गया है। हालांकि, सरकार घरेलू एलपीजी की प्रभावी कीमत को संशोधित करना जारी रखती है। घरेलू एलपीजी की बिक्री पर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को भारी नुकसान हुआ है। गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने हाल ही में इन नुकसानों को कवर करने के लिए ओएमसी को 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त मुआवजा दिया है।
मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) के लाभार्थियों के लिए वर्ष 2022-23 के लिए 12 रिफिल तक 200 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी शुरू की है। जवाब में कहा गया, “सरकार ने प्राकृतिक गैस की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कई पहल की हैं। जहां जनवरी 2021 और फरवरी 2023 के बीच अंतरराष्ट्रीय गैस सूचकांकों (जेकेएम) ने गैस की कीमतों में 228 प्रतिशत तक की वृद्धि की है, वहीं भारत (दिल्ली प्रतिनिधि बाजार) में सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी लगभग 83 प्रतिशत तक सीमित थी।
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