लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन की जयंती के अवसर पर बुधवार को कालीचरण कॉलेज परिसर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर टंडन के नजदीक रहकर कार्य करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, सुरेश खन्ना समेत अन्य नेताओं ने अपने संस्मरण साझा किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीवन में महानता ऊपर से नीचे नहीं, शून्य से शिखर की ओर जाता है। लखनऊ की पहचान टण्डन नगर निगम के पार्षद के रूप में राजनीतिक यात्रा प्रारम्भ की। उन्होंने विधायक, विधान परिषद सदस्य और लखनऊ के लोकप्रिय सांसद के रूप में कार्य किये। इस प्रकार उन्होंने शून्य शिखर की यात्रा की।
मुख्यमंत्री योगी ने सुनाया संस्मरण, कोई नहीं छोड़ता तो मैं क्या कर सकता
मुख्यमंत्री योगी ने टंडन से जुड़ा एक संस्मरण सुनाते हुए बताया कि लालजी टंडन राज्यपाल भी बने। पटना में उनके राज्यपाल रहते हुए मैं राजभवन गया था। पटना के राजभवन में लखनऊ के कई लोग बैठे थे। मैंने कहा कि आप बिहार के राज्यपाल हैं, लेकिन यहां लखनऊ के लोग हैं। इस पर उन्होंने कहा कि कोई नहीं छोड़ता तो मैं क्या कर सकता हूं। इस प्रकार उनकी आत्मीयता थी। राम मंदिर आंदोलन के दौरान संतों और सरकार के बीच समन्वय बनाकर काम करने अनुभव रहा हो या फिर कुंभ का आयोजन। हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। इस संस्थान का 118 वर्षों का अपना इतिहास है। इससे वह लंबे समय तक जुड़े रहे। मुख्यमंत्री कॉलेज को आश्वासन दिया कि सरकार हर प्रकार से शिक्षण संस्थानों के साथ खड़ी है। हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि लालजी टंडन के जीवन से हम सबको सीख लेनी चाहिए। वह अपने विचारों पर डटे रहते थे। संकल्प के साथ जीवन जीते थे। संकल्प को पूरा करते थे।
बाबू जी बनना आसान नहीं-ब्रजेश पाठक
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि बाबूजी बनना आसान नहीं है। वह लखनऊ की धरोहर रहे। प्रदेश की राजनीति में उनका बड़ा नाम है। उनसे जो भी मिला, निराश नहीं हुआ। वह जब लखनऊ के सांसद बने तो अटल जी के सपनों को पूरा करने का काम किया। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि बाबूजी में समाज के प्रति चिंता हमेशा दिखती थी। वह हमें पुत्रवत स्नेह देते थे।
ये भी पढ़ें..DC vs MI IPL 2023: रोहित ब्रिगेड ने आखिरी गेंद पर…
छोटी समस्या हो या बड़ी, टण्डनजी कर देते थे समाधान-सुरेश खन्ना
मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जब पहली बार विधानसभा में चुनकर आया था। बहुत कम लोगों से परिचय था। जिनसे परिचय था, उनमें टण्डन जी भी थे। दुनिया से सबको जाना है लेकिन उन्हें ही याद किया जाता है जो लोग कुछ करके जाते हैं। टण्डन जी उन्हीं में से एक थे। छोटी समस्या हो या बड़ी, टंडन समाधान जरूर देते थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि हमेशा उनका स्नेह बना रहा। प्रत्येक कार्यकर्ता को उनका आशीर्वाद मिलता रहा है। सभी धर्मों के लोग उन्हें प्यार करते थे। इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पूर्व जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री आशुतोष टण्डन, पूर्व राज्यसभा सदस्य संजय सेठ के अलावा विधायक, सांसद समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
12.5 फिट ऊंची है प्रतिमा
कॉलेज परिसर में स्थापित प्रतिमा 12.5 फिट की है। प्रतिमा का वजन 12 कुंटल है। कालीचरण पीजी कॉलेज का शताब्दी भवन लालजी टंडन के नाम जाना जाएगा। इस भवन का भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)