सीएम योगी ने कहा- मंदिर वहीं बना, जहां बनाने का संकल्प लिया था

0
10

अयोध्या: श्रीअयोध्याधाम में श्री रामलला की बाल मूर्ति के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि मंदिर वहीं बना है, जहां इसे बनाने का संकल्प लिया गया था। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत ‘रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः’ से की।

भारत को इसी दिन का इंतजार था

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 500 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद इस बहुप्रतीक्षित अवसर पर हृदय में भाव ऐसे हैं कि उन्हें व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं। मन भावुक है, भावनाओं से अभिभूत है, यक़ीनन आप सभी भी ऐसा ही महसूस कर रहे होंगे। आज इस ऐतिहासिक एवं अत्यंत पवित्र अवसर पर भारत का हर शहर, हर गांव अयोध्या धाम है। हर मार्ग श्रीराम जन्मभूमि की ओर आ रहा है।

हर मन में राम का नाम है। खुशी और संतुष्टि के आंसुओं से हर आंख गीली है। हर जुबान राम-राम जप रही है। राम रोम में हैं। राम से पूरा देश खुश है। ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गये हैं। आज रघुनंदन राघव रामलला हमारे हृदय की भावनाओं से भरे संकल्प के रूप में सिंहासन पर विराजमान हैं। आज हर राम भक्त के मन में खुशी है, गर्व है, संतोष का भाव है। आख़िरकार भारत को इसी दिन का इंतज़ार था।

उन्होंने कहा कि इस भावनात्मक दिन के इंतजार में लगभग पांच सदियां बीत गईं, दर्जनों पीढ़ियां अधूरी इच्छाओं के साथ इस धरती से चली गईं, लेकिन इंतजार और संघर्ष का सिलसिला जारी रहा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि शायद दुनिया का पहला ऐसा अनोखा मामला रहा होगा, जिसमें किसी देश के बहुसंख्यक समाज ने अपनी जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए इतने वर्षों तक, इतने स्तरों पर संघर्ष किया हो। अपने ही देश में आदर्श। संन्यासी, संत, पुजारी, नागा, निहंग, बुद्धिजीवी, राजनेता, वनवासी आदि सहित समाज के हर वर्ग ने जाति, विचारधारा और पूजा पद्धति से ऊपर उठकर राम के लिए खुद को बलिदान कर दिया। आख़िरकार आज वह शुभ अवसर आ ही गया जब करोड़ों सनातनी आस्थावानों का त्याग और तपस्या पूर्ण हो रही है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज त्रेता युग का गौरव अयोध्या में अवतरित हुआ है। यह दिखाई दे रहा है। यह धार्मिक नगरी ‘विश्व की सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में स्थापित हो रही है। दिव्य और भव्य अयोध्या का नजारा पूरी दुनिया देख रही है। आज जिस नियोजित एवं तेज गति से अयोध्यापुरी का विकास हो रहा है, वह प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति एवं दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं हो पाता। कुछ वर्ष पहले तक यह अकल्पनीय था कि अयोध्या में कोई हवाई अड्डा होगा। शहर के अंदर 04 लेन की सड़क बनेगी।

सरयू जी में चलेगा क्रूज। अयोध्या की खोई हुई गरिमा वापस आएगी, लेकिन डबल इंजन सरकार के प्रयासों से यह सारा सपना साकार हो रहा है। सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या, सक्षम अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या के रूप में पुनरोद्धार के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। आज यहां राम जी की पैड़ी, नया घाट, गुप्तार घाट, ब्रह्मकुंड आदि विभिन्न तालाबों के पुनरुद्धार, संरक्षण, संचालन एवं रखरखाव का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि रामायण परंपरा की ‘सांस्कृतिक मैपिंग’ की जा रही है, राम वन गमन पथ पर रामायण दीर्घाओं का निर्माण किया जा रहा है। इस नई अयोध्या में न केवल प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तमाम शहरी सुविधाओं को भी आधुनिक स्तर पर विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से इस मोक्ष नगरी को ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित किया जा रहा है।

दिव्य दीपोत्सव बना भारत की सांस्कृतिक पहचान

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नई अयोध्या दुनिया भर के सनातन आस्थावानों, संतों, पर्यटकों, शोधकर्ताओं और जिज्ञासुओं के लिए एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह किसी शहर या तीर्थ स्थल का विकास नहीं है, यह उस आस्था की जीत है जिसे भारत के राजचिह्न में ‘सत्यमेव जयते’ के रूप में अपनाया गया है। यह जन आस्था और जन विश्वास की जीत है।’ भारत का गौरव पुनः स्थापित हुआ। अयोध्या का दिव्य दीपोत्सव नए भारत की सांस्कृतिक पहचान बन रहा है और श्री रामलला का प्रतिष्ठा समारोह भारत की सांस्कृतिक चेतना की सामंजस्यपूर्ण अभिव्यक्ति साबित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है, यह राष्ट्र मन्दिर है। बिल्कुल! श्री रामलला विग्रह की प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर है। निश्चिंत रहें! राम की कृपा से अब अयोध्या की परिक्रमा में कभी कोई बाधा नहीं बन सकेगा। अयोध्या की गलियों में गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं होगी। कोई कर्फ्यू नहीं होगा। यह राम नाम के जाप से गूंजेगा। रामलला का अवधपुरी में विराजमान होना भारत में रामराज्य की स्थापना का उद्घोष है।

रामराज बैठे त्रैलोका। हर्षित भये गए सब सोका।।

रामराज्य भेदभाव रहित समरस समाज का प्रतीक है। यह हमारे प्रधानमंत्री की नीतियों, विचारों और योजनाओं का आधार है। अंत में उन्होंने भव्य-दिव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर के सपने को साकार करने में योगदान देने वाले सभी वास्तुकारों, इंजीनियरों, शिल्पकारों और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों को हृदय से धन्यवाद दिया। श्री रामलला के आगमन की ऐतिहासिक शुभ घड़ी पर एक बार फिर आप सभी को बधाई। हमारे पूर्वजों ने जो संकल्प लिया था, उसकी सिद्धि पर सभी को बधाई। प्रभु के चरणों में प्रणाम। सभी को बहुत-बहुत बधाई।