UP News: CM योगी बोले-डेमोग्रॉफी, डेमोक्रेसी एवं डायवर्सिटी की त्रिवेणी भारत को बनाती है विशिष्ट

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वाराणसीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को जी-20 के तहत आयोजित चार दिवसीय वाई-20 यूथ समिट का औपचारिक उद्घाटन किया। गुरुवार से शुरू हुए चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन वाराणसी के रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता और एकता के कारण भारत दुनिया के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। लोकतांत्रिक परंपराओं में विश्वास करते हुए 140 करोड़ की आबादी जिस भाव से गौरवशाली नेतृत्व में एकता और अखंडता के लिए काम कर रही है, वह भारत को दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी के रूप में भी प्रस्तुत करती है। डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी), डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) और डायवर्सिटी (विविधता) की यह त्रिमूर्ति हमें अद्वितीय बनाती है।

उन्होंने कहा कि हमारा देश नित नवीन एवं पुरातन संस्कृति की मजबूत नींव पर अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर अमृतकाल के प्रथम वर्ष में जी-20 के इस आयोजन की अध्यक्षता कर रहा है। प्रत्येक भारतीय न केवल इन आयोजनों के लिए उत्सुक है बल्कि वैश्विक मंच पर उभरते भारत का प्रतिनिधित्व करने में गर्व भी महसूस करता है।

सीएम योगी ने कहा कि प्राचीन काल से लेकर अब तक भारत की व्यवस्था पर नजर डालें तो युवाओं ने अपने समय में बहुत कुछ किया। युवा शक्ति के रूप में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को भी याद किया जाता है, उन्होंने संकल्प लिया था ’ निसचर हीन करऊं महि, भुज उठाई पन कीन्ह’.. जब उन्होंने देश से आसुरी प्रवृत्ति को समूल नष्ट करने का आह्वान किया था। भारत भूमि, तब राम युवा थे। मथुरा को कंस और राक्षसों के अत्याचार से मुक्त करने वाले ’परित्राणाय साधुनाम्, विनाशाय च दुष्कृताम’ का आह्वान करने वाले श्रीकृष्ण भी युवा ही थे। दुनिया को निर्माण का संदेश देने वाले महात्मा बुद्ध, ज्ञान प्राप्त करने के बाद पहला उपदेश इसी सारनाथ में देते हैं, तब वे भी युवा ही थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के अंदर चार कोनों में चार पीठों की स्थापना करने वाले एवं भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूती प्रदान करने वाले आदि शंकराचार्य मात्र 32 वर्ष तक ही जीवित रहे। स्वामी विवेकानंद ने भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का कार्य किया। उन्होंने महज 39 वर्ष ही जीवन जिया। स्वामी प्रणवानंद ने मात्र 42 वर्ष का जीवन जीया था। ’सवा लाख से एक लड़ाऊं’ का उद्घोष करने वाले गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जी महाराज भी युवा ही थे। रानी लक्ष्मीबाई काशी में जन्मी थीं। मात्र 23 वर्ष की आयु में झांसी की आजादी के लिए युद्ध लड़ा था।

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’तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी युवा ही थे। भारत की आजादी के लिए क्रांतिदूत बनकर बलिदान देने वाले चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, सुखदेव, राजगुरु, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह आदि क्रांतिकारी युवा ही थे। वीर सावरकर को मात्र 28 वर्ष की आयु में दो बार आजीवन कारावास की सजा हुई, वे भी युवा ही थे। महाभारत का वह दृश्य, जिसमें 16 वर्ष का अभिमन्यु चक्रव्यूह को भेदता हुआ कौरवों के छक्के छुड़ाता है। वह युवा ही थे। फ्रांस के लुईस ब्रेल ने 15 वर्ष की आयु में दृष्टिहीनों के लिए लिपि की खोज की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी बाबा विश्वनाथ का पवित्र स्थान है। प्राचीन काल से ही यह धर्म और अध्यात्म की नगरी होने के साथ-साथ आध्यात्मिक दर्शन, शिक्षा, साहित्य और कला की भूमि के रूप में भी भारत के प्राचीन शहर के रूप में जाना जाता है। वाराणसी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था, जो आज भी पवित्र और बौद्ध अनुयायियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

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