CM योगी बोले-योजक बनकर कार्य करें शोधार्थी, थोड़े प्रयास से उठ खड़ा होगा समाज

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लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोक भवन में 100 आकांक्षी विकास खंडों में कार्यरत शोधार्थियों से संवाद किया, आकांक्षी विकास खंडों की प्रगति पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आकांक्षी विकास खंडों को प्रोत्साहन राशि वितरित की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत प्रदेश के आकांक्षी विकास खंडों में कार्यरत शोधार्थी स्वयं को योगदानकर्ता मानते हुए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें। आपके विकास खंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य, किसान, महिला और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कैसे बेहतरीन काम किया जा सकता है इस पर ध्यान दें। जो रिसर्च स्कॉलर अपना तीन साल का कार्यकाल कड़ी मेहनत और लगन से पूरा करेगा और बेहतरीन रिसर्च मैनेजमेंट लिखकर प्रस्तुत करेगा, उसे सरकार द्वारा उम्र में छूट के साथ-साथ सरकारी नौकरी में वेटेज भी दिया जाएगा।

देश में सबसे पिछड़े यूपी के जिले विकास में आज टॉप 20 में

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2018 में नीति आयोग ने देश के 112 जिलों को आकांक्षी जिलों के रूप में चुना था। इनमें उत्तर प्रदेश के आठ जिले सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराईच, चंदौली, सोनभद्र, चित्रकूट और फतेहपुर जिले शामिल थे। ये वो जिले थे जो विकास की मुख्य धारा से पीछे छूट गये थे। देश के 112 आकांक्षी जिलों की सूची में भी राज्य के सभी 08 जिले सबसे पिछड़े स्थान पर थे। ये जिले शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और जल संसाधन, रोजगार, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में पिछड़ गए। लेकिन आज हमारे 08 में से 04 जिले देश के टॉप 10 आकांक्षी जिलों में हैं, जबकि हमारे सभी 08 जिले टॉप 20 में शामिल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव भारत के विकास की धुरी हैं। ग्रामीण व्यवस्था जितनी आत्मनिर्भर होगी, देश और प्रदेश भी उसी अनुपात में आत्मनिर्भर होगा।

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शोधकर्ताओं को पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करना चाहिए

उन्होंने कहा कि न तो हमारे पास फंड की कमी है और न ही मैनपावर की। हमारे जो शोधकर्ता अपने-अपने विकासखंडों में तीन वर्षों के लिए फेलोशिप पर कार्य कर रहे हैं, उन्हें फैसिलिटेटर के रूप में कार्य करना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि हम सरकार की योजनाओं को जनता से कैसे जोड़ सकें। सभी शोधार्थियों को एक लक्ष्य रखना चाहिए कि जब तक उनकी फेलोशिप का कार्यकाल पूरा हो, तब तक उनका ब्लॉक सर्व शिक्षा अभियान में 100 प्रतिशत हो, उनका ब्लॉक टीबी मुक्त हो।

इसके साथ ही किसानों से जुड़ी योजनाओं और महिलाओं व लड़कियों से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी भी जनता के बीच ले जाएं और योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चे स्कूल जाएं, बेटियों को कन्या सुमंगला योजना, किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना का लाभ मिले, इस पर काम करें। आपके विकास खंड में पर्यटन की क्या संभावनाएं हो सकती हैं, स्वच्छता, बेहतर कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं के बारे में लोगों में जागरूकता की भी जानकारी शासन के अधिकारियों को दी जानी चाहिए। हर महीने 30 ग्राम पंचायतों का दौरा करने और अपनी रिपोर्ट तैयार करने का प्रयास करें।

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