सीएम योगी बोले-आत्मनिर्भर यूपी के संकल्प को पूरा करने में पूर्वांचल की बड़ी भूमिका

29

बस्तीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ के संकल्प को पूरा करने में पूर्वांचल से बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि बीते साढ़े पांच-छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करके यहां के औद्योगिक विकास के लिए बेहतर माहौल तैयार किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि आज इस पूरे क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। विशाल लैंडबैंक है, बेहतर कनेक्टिविटी है, कुशल मानव संसाधन है। यहां के युवा नवाचारों को अपनाने वाले हैं। इस पूरे क्षेत्र में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, टेक्सटाइल, जैव ईंधन और सौर ऊर्जा सहित हर सेक्टर के लिए अपार अवसर हैं। राज्य सरकार यहां के विकास के लिए हर संभव सहयोग कर रही है। जनप्रतिनिधियों को भी अपने क्षेत्र के इस पोटेंशियल से देश-दुनिया को परिचित कराना चाहिए। इससे यहां निवेश आयेगा, औद्योगिक इकाइयां लगेंगी और रोजगार के मौके सृजित होंगे। सांसद और विधायक के साथ प्रदेश हित में संचालित विकास परियोजनाओं की पड़ताल की जारी श्रृंखला में मुख्यमंत्री योगी बुधवार को बस्ती मंडल की समीक्षा कर रहे थे।

विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने एक-एक कर जनपद सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर के सांसद व विधायक से उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं की जानकारी ली और आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश भी दिए। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने नवीन विकास कार्यों के बारे में मुख्यमंत्री को क्षेत्रीय जनाकांक्षाओं से भी अवगत कराया और इस संबंध में अपने प्रस्ताव भी दिए। मुख्यमंत्री ने सांसद और विधायक के इन प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देशित भी किया। विकास योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्ती का विकास सरकार की प्राथमिकता में है। पिपराइच (गोरखपुर) एवं मुंडेरवा (बस्ती) में 5,000 टी.सी.डी. पेराई क्षमता की नई चीनी मिल शुरू हुई है। सिद्धार्थनगर के ओडीओपी उत्पाद कालानमक चावल की अनेक देशों में बड़ी मांग है। हजारों करोड़ की परियोजनाएं यहां चल रही हैं। जनप्रतिनिधि इन परियोजनाओं की गुणवत्ता का निरीक्षण करते रहें।

ये भी पढ़ें..साहब, मैं जिंदा हूं… दो साल से अपने जिंदा होने का…

युवाओं को मिलेगा यूपी जीआईएस का लाभ
आगामी फरवरी में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने स्वयं के लिए $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प की पूर्ति के लिए पूरा उत्तर प्रदेश एकजुट होकर प्रयास कर रहा है। आगामी 10-12 फरवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है। जीआईएस-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है। व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा। विदेशी और घरेलू निवेशक रोड शो से प्रेरणा लेते हुए अनेक जनपदों ने जिला स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित किए और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए। ऐसे ही प्रयास बस्ती मंडल में भी किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जनपदीय निवेशक सम्मेलन के आयोजन के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। सांसद के नेतृत्व में विधायक कमान संभालें। जिला प्रशासन, औद्योगिक अवस्थापना विभाग, इन्वेस्ट यूपी और मुख्यमंत्री कार्यालय से सहयोग लें। अपने क्षेत्र के उद्यमियों, व्यापारियों, प्रवासी जनों से संवाद-संपर्क बनाएं। उन्हें प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों, सेक्टोरल पॉलिसी की जानकारी दें। अपने क्षेत्र के पोटेंशयिल का परिचय दें और निवेश के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि सांसद-विधायक गण प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। स्थानीय विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों, पॉलिटेक्निक, आईटीआई में युवाओं के बीच इन पर परिचर्चा कराई जाए। जनप्रतिनिधिगण इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें।

सोशल मीडिया, संवाद का बेहतरीन माध्यम, बढाएं सक्रियता
मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें। आज सोशल मीडिया, संवाद का बेहतरीन माध्यम बन कर उभरा है। सभी सांसद, विधायक को इस मंच का उपयोग करना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं, औद्योगिक नीतियों, रोजगारपरक कार्यक्रमों के बारे में सकारात्मक भाव से सोशल मीडिया मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए। जनता से संपर्क-संवाद बनाने में यह मंच अत्यंत उपयोगी है। गोवंश संरक्षण पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए राज्य सरकार के स्तर पर निराश्रित गो-आश्रय स्थल निर्माण, सहभागिता योजना तथा कुपोषित परिवारों को गाय उपलब्ध कराने की तीन योजनाएं चल रही हैं। जनप्रतिनिधियों को रुचि लेकर इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। संभ्रांत परिवारों को भी गो-पालन के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए। निराश्रित गोवंश प्रबंधन में हर जनप्रतिनिधि का सहयोग आवश्यक है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)