Monday, January 20, 2025
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सीएम योगी ने कहा- संविधान में सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्दों से हुआ बाबा साहब का अपमान

गोरखपुरः CM Yogi ने कहा कि किसी भी संविधान की आत्मा उसकी प्रस्तावना होती है। यह याद रखना चाहिए कि 26 नवंबर 1949 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान का प्रारूप तैयार किया था, जो भारत की संविधान सभा को सौंपा गया था, उसकी प्रस्तावना में दो शब्द धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी नहीं थे। कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए आपातकाल के दौरान रात के अंधेरे में इन दो शब्दों को डालकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया था।

CM Yogi ने पूर्व की सरकारों पर साधा निशाना

सीएम योगी सोमवार को गोरखपुर में भाजपा अनुसूचित मोर्चा द्वारा आयोजित संविधान गौरव अभियान कार्यक्रम (मेरा संविधान-मेरा स्वाभिमान) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी किस मुंह से संविधान को लेकर घूम-घूम कर जनता को बेवकूफ बनाते हैं। संशोधन पर संशोधन किए गए लेकिन कांग्रेस ने कभी अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जातियों को अधिकार देने की कोशिश नहीं की। अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और सपा के नेताओं से सवाल किया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय या जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति, जनजाति या पिछड़ी जाति के युवाओं के लिए प्रवेश और नौकरियों में आरक्षण क्यों नहीं है।

आरक्षण के सवाल पर उनके नेता चुप क्यों हो जाते हैं? उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस की तरह ही है। याद कीजिए, कन्नौज के मेडिकल कॉलेज का नाम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर था, समाजवादी पार्टी की सरकार ने नाम हटा दिया। जब हमारी सरकार आई तो मेडिकल कॉलेज का नाम फिर से बाबा साहब के नाम पर कर दिया गया। 2012 में जब अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने सबसे पहले घोषणा की थी कि हम बाबा साहब और सामाजिक न्याय के सभी महापुरुषों द्वारा बनाए गए स्मारकों को तोड़ देंगे। तब भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि सामाजिक न्याय के अग्रदूतों पर उठने वाले हर हाथ का भाजपा मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान किसी भी संप्रभु और समृद्ध राष्ट्र के नागरिकों का स्वाभिमान होता है।

कांग्रेस ने किया बाबा साहब का अपमान

संविधान पूरे भारत को उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक एकता के सूत्र में बांधकर 140 करोड़ भारतीयों के सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। बाबा साहब द्वारा बनाए गए इस संविधान ने संवैधानिक मूल्यों के आधार पर भारत को दुनिया के सर्वोच्च लोकतंत्र के रूप में मान्यता दिलाई। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एक महापुरुष थे। उन्होंने व्यक्तिगत अपमान सहा।

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लेकिन, उन्होंने अपनी व्यक्तिगत पसंद-नापसंद को कभी राष्ट्र के विकास के आड़े नहीं आने दिया। उनकी सोच लोक कल्याण, राष्ट्र कल्याण की थी। सीएम ने कहा कि बाबा साहब जैसे महापुरुष का सम्मान आजादी के बाद देश में बनी पहली सरकार ने नहीं किया। 1952 में कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर को चुनाव हराने की पूरी कोशिश की। 1954 में हुए उपचुनाव में जब बाबा साहब ने दोबारा चुनाव लड़ने की कोशिश की तो कांग्रेस ने उनके सहायक को तोड़कर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ चुनाव लड़ा दिया।

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