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सीएम योगी ने नवचयनित बीईओ को दिये नियुक्ति पत्र, कहा-चार साल पहले जाति-मजहब देखकर मिलती थी नौकरियां

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को एक पारदर्शी और शुचितापूर्ण तरीके से नियुक्ति पत्र देकर उनकी प्रतिभा और ऊर्जा का लाभ राज्य के विकास में किया जा रहा है। लेकिन आज से चार वर्ष पूर्व ये सम्भव नही था क्योंकि आयोग की गरिमा स्वयं ही धूल धूसरित थी और दांव पर लगी हुई थी। जाति, क्षेत्र, मत और मजहब देखकर नियुक्तियां प्राप्त होती थी। धनबल और बाहुबल का भरपूर दुरुपयोग होता था। उन स्थितियों में शुचिता और पारदर्शिता की बात तो एक कपोल कल्पना मात्र थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 271 नवचयनित खण्ड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने नवचयनित बीईओ से कहा कि जब आप प्रतियोगी छात्र थे और जो अपेक्षा आपकी शासन से थी, उसी प्रकार की अपेक्षा अब शासन भी आपसे करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग हो, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग हो या माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग या बेसिक शिक्षा में भर्ती का कार्यक्रम और पुलिस भर्ती, पूरी प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता के प्रति सभी आयोग और बोर्ड को पहले से ही बहुत स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि अगर कहीं भी कोई पक्षपातपूर्ण कार्यवाही हुई, कहीं भी कोई भ्रष्टाचार की शिकायत हुई, तो आयोग के अध्यक्ष, उनके सदस्य और उस व्यवस्था के साथ जुड़े सभी लोग बराबर के जिम्मेदार माने जाएंगे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उसका परिणाम है कि प्रदेश का कोई भी युवा प्रदेश सरकार से यह शिकायत नहीं करता है कि कहीं कोई भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि युवा ईमानदारी से चयन चाहता था और सरकार पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की पक्षधर है और आज इसका परिणाम है कि चार वर्ष के इस कार्यकाल के दौरान हम प्रदेश के अंदर चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश उन व्यापक संभावनाओं वाले प्रदेशों में से एक है जहां पर किसी भी चीज की कमी नहीं है, बस एक नेतृत्व की आवश्यकता है। पहले जब भारत सरकार की कोई रैंकिंग आती थी तो उत्तर प्रदेश पीछे रहता था, आज वही उत्तर प्रदेश नम्बर एक, दो या तीन पर रहता है। उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश 2016 में 14वें स्थान पर था। मात्र 4 वर्ष में हमारी टीम ने ऐसा कार्य किया कि आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में प्रदेश दूसरे नंबर पर है।