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सीएम त्रिवेंद्र ने अस्पताल पहुंच जाना घायलों का हालचाल, अब तक मिले 29 शव, 206 लोग अभी भी लापता

देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य के चमोली जिले के आपदाग्रस्त इलाके में मंगलवार सुबह जोशीमठ स्थित आईटीबीपी अस्पताल में घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। उसके बाद मुख्यमंत्री ने इलाके का एरियल सर्वे किया और आपदा प्रभावित लाता गांव पहुंचे। इस बीच तपोवन स्थित पॉवर प्लांट की बड़ी टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के अनुसार अब तक कुल 29 शव मिल चुके हैं। हालांकि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने 206 लोगों के लापता होने की जानकारी दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत देहरादून से जोशीमठ पहुंचे थे, जहां उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली और उन्हें जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने रात्रि विश्राम भी वहीं पर किया। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित सीमांत क्षेत्र लाता गांव जाने का फैसला किया। मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्र में लगातार लोगों के संपर्क में हैं। राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री जोशीमठ स्थित आईटीबीपी के अस्पताल में भर्ती उन घायलों से मिले, जो इस आपदा में टनल में फंस गए थे। रेस्क्यू टीम ने टनल से 12 लोगों को सुरक्षित निकाला था। मुख्यमंत्री ने अस्पताल में उनसे मिलकर उनकी हौसला औफजाई की और उन्हें फल भेंट किए। टनल में पानी और गाद आने पर ये लोग ऊपरी हिस्से में सरिये आदि के सहारे कई घंटे तक अपनी जिंदगी बचाने के लिए लटके हुए थे, जिन्हें बचाव दल ने पहुंचकर बचाया था।

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गौरतलब है कि रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी में जिले के जोशीमठ ब्लाक के सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों का सड़क संपर्क टूट गया था। इस आपदा से सीमांत क्षेत्र के रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, सुकी, भलगांव, तोलमा, फगरासु, लोंग सेगडी, गहर, भंग्यूल, जुवाग्वाड, जुगजू गांवों से सड़क संपर्क अभी भी कटा हुआ है। उधर, आपदा प्रभावित इलाके में आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, वायुसेना, एसएसबी और पुलिस तथा स्थानीय प्रशासन की रेस्क्यू टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। तपोवन में पावर प्लांट की बड़ी टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। फिलहाल रेस्क्यू टीम टनल में 180 मीटर तक अंदर पहुंच चुकी है।