भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव से पहले बड़ा सियासी दांव खेला है। प्रदेश सरकार ने प्रदेश के करीब 23 लाख से ज्यादा आदिवासी परिवारों को बड़ी सौगात दी है। शिवराज कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश के 79 आदिवासी ब्लाकों (विकासखंडों) में ‘राशन आपके द्वार’ योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना फिलहाल उपचुनाव वाले क्षेत्रों में शुरू नहीं होगी। इसके अलावा सरकार ने सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए कंपनियों को 20,700 करोड़ रुपये बतौर सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। इसमें 15 हजार 700 करोड़ किसानों व 5 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के एवज में सरकार वहन करेगी।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि राशन आपके द्वार योजना के अंतर्गत उचित मूल्य की राशन दुकानों से खाद्यान्न गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए आदिवासियों को लोन दिलाकर वाहन खरीदवाएं जाएंगे। सरकार ब्याज अनुदान के साथ प्रोत्साहन राशि भी देगी। यही नहीं, योजना में काम करने वाले व्यक्ति को हर माह प्रोत्साहन राशि भी देगी। इसके अलावा, अन्य खर्च के लिए भी राशि अलग से दी जाएगी। प्रस्तावित योजना का लाभ प्रदेश के 23.80 लाख परिवारों को मिलेगा। योजना के तहत 7511 गांवों में रहने वाले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के हितग्राहियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का काम करीब साढ़े 4 हजार उचित मूल्य की दुकानों से किया जाता है। हितग्राहियों को खाद्यान्न लेने के लिए दूर-दूर से आना पड़ता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 सितंबर को जबलपुर में शंकरशाह- रघुनाथ शाह शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ‘राशन आपके द्वार’ योजना लागू करने की घोषणा की थी। डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि आदिवासी दिवस पर 15 नवंबर को सरकार भोपाल में बड़ा आयोजन करेगी।
यह भी पढ़ेंः-राम रहीम को सजा सुनाने वाले जज को मिली धमकी, दी गई जेड प्लस की सुरक्षा
किसानों व घरेलू बिजली के लिए सब्सिडी
विद्ययुत नियायक आयोग द्वारा इसी साल 30 जुलाई को जारी की गई बिजली की नई टैरिफ दरों में राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी देने के ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में तय किया है कि अलग-अलग श्रेणी के किसानों व घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने 20,700 करोड़ की सब्सिडी सरकार देगी। उन्होंने कहा कि बिजली की आपूर्ति बाधित नहीं होना चाहिए। इसके लिए बिजली कंपनी को सहायता की आवश्यकता थी।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)