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Kolkata: सीएम आवास में घुसपैठ मामले की जांच करेगी एसआईटी

कोलकाता: कोलकाता पुलिस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास (CM house) में घुसपैठ की खतरनाक घटना की जांच के लिए आठ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की। संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरली धर शर्मा एसआईटी के समग्र प्रभारी होंगे और उनकी सहायता उपायुक्त हरिकृष्ण पाल और सूर्य प्रताप यादव करेंगे। एसआईटी के बाकी पांच सदस्यों में स्पेशल टास्क फोर्स और डिटेक्टिव डिपार्टमेंट के अधिकारी शामिल होंगे।

कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किया गया घुसपैठ करने वाला शख्स हाफिजुल मुल्ला शनिवार की देर रात मुख्यमंत्री आवास (CM house) में लोहे की रॉड लेकर घुसा और वहां आठ घंटे से अधिक समय तक छिपा रहा। एसआईटी मामले की कई एंगल से जांच करेगी। पहला बिंदु बनर्जी के आवास पर सुरक्षा व्यवस्था में उन खामियों की पहचान करना होगा, जिससे घुसपैठिए को अंदर जाने की गुंजाइश पैदा हुई।

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दूसरा पहलू यह पता लगाना होगा कि उस रात सुरक्षा ड्यूटी में लगे किसी विशेष अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही तो नहीं हुई? तीसरा एंगल मुख्यमंत्री आवास (CM house) में घुसने के पीछे के असली मकसद का पता लगाने का होगा। इस बीच, आरोपी के परिवार वालों ने अदालत और राज्य सरकार से अपील की है कि चूंकि हाफिजुल मुल्ला काफी समय से मानसिक बीमारी से पीड़ित है, इसलिए उसके मामले पर दया के साथ विचार किया जाना चाहिए। घुसपैठ की घटना के मद्देनजर, मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए नियुक्त किए जाने वाले पुलिस कर्मियों पर उनके आवास और राज्य सचिवालय नबन्ना में कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं।

उपायुक्त शुभंकर भट्टाचार्य द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार, अब उन्हें अपना मोबाइल फोन जमा करने के बाद ड्यूटी ज्वाइन करनी होगी। सर्कुलर का मजाक उड़ाते हुए माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था में वास्तविक खामियों का पता लगाने के बजाय निचले स्तर के पुलिस कर्मियों पर अनावश्यक प्रतिबंध लगा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि मुख्यमंत्री को अपनी ही परछाई पर विश्वास नहीं है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहा कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए इस तरह की टिप्पणियां गैर-जिम्मेदाराना हैं।

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