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काम में कोताही बरतने पर सीएम ने दी अधिकारियों को दी जबरन छुट्टी

चंडीगढ़ः हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने प्रदेश के सभी प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने काम में लापरवाही बरतने पर दो अधिकारियों को बैठक से बाहर कर दिया और दोनों को जबरन छुट्टी पर भेजने का निर्देश दिया।

जवाब से संतुष्ट न होने पर दी छुट्टी

मुख्यमंत्री गुरुवार को चंडीगढ़ से राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। बैठक में अलग-अलग जगहों से राज्य के सांसद, विधायक और मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में पाइप लाइन बिछाने के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों व गलियों की मरम्मत की जिम्मेदारी ठेकेदारों पर तय करने का मुद्दा उठा। इस पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों के जवाब से मुख्यमंत्री संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने तत्काल ईआईसी अशीम खन्ना और ईसी राजीव बातिश को बैठक से बाहर कर दिया और दोनों को पांच दिनों के लिए अनिवार्य अवकाश पर जाने का आदेश दिया।

मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों को भविष्य में सही काम करने की चेतावनी भी दी। मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी सड़कों और गलियों का निर्माण ठेकेदार ही करें, क्योंकि यह नियम पहले से ही टेंडर दस्तावेज में उल्लिखित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर दिशा समिति की त्रैमासिक बैठक अवश्य आहूत की जाये। यदि किसी कारणवश स्थानीय सांसद बैठक के लिए समय नहीं दे पाते हैं तो उस स्थिति में जिला उपायुक्त को बैठक बुलाने का अधिकार है। इसलिए सभी बैठकें निर्धारित समयावधि में होनी चाहिए।

बुनियाद कार्यक्रम के तहत शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंबी दूरी तय कर स्कूल जाने वाले बच्चों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इन बच्चों को बस पास की सुविधा भी मिलेगी। इसके लिए सीएम ने परिवहन विभाग को निर्देश जारी किये।

माइनिंग फंड से चलेगी शिवधाम योजना

मनोहर लाल ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री के अधीन खनन क्षेत्र वाले जिलों में खनिज निधि से खनन क्षेत्र के 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में शिवधाम योजना के तहत होने वाले कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बताया गया कि चरखी दादरी, भिवानी, यमुनानगर और महेंद्रगढ़ जिलों के पास खनन निधि के रूप में 17-17 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उपलब्ध है।

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मुख्यमंत्री ने भिवानी के जिला उपायुक्त को निर्देश दिए कि खनन के कारण खानक गांव में प्रदूषण की गंभीर समस्या है और ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए खनन क्षेत्र में पानी के छिड़काव के साथ-साथ क्रशर जोन के आसपास पानी के छिड़काव के लिए विशेष प्लांट लगाने की भी योजना बनायी जानी चाहिए।

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