जयपुरः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोविड की दूसरी लहर का प्रभाव अब नगण्य हो गया है लेकिन विभिन्न देशों तथा देश के कई राज्यों में कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हमें अभी भी सतर्कता बरतने एवं कोविड गाइडलाइन की लगातार पालन करना होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं को खोलने के संबंध में गठित मंत्रियों की समिति दूसरे राज्यों में संक्रमण की स्थिति एवं शिक्षण संस्थाओं को खोले जाने के वहां के अनुभव के मद्देनजर उचित निर्णय ले।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश में कोरोना संक्रमण एवं वैक्सीनेषन की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों तथा राज्यों में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि तीसरी लहर का प्रभाव आगामी महीनों में देखा जा सकता है। चिकित्सा सहित अन्य सभी सम्बन्धित विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर के संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से निरंतर स्क्रीनिंग की जाए। किसी भी व्यक्ति में खांसी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण नजर आने पर तत्काल प्रभाव से जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन के काम को पूरी मुस्तैदी के साथ संचालित किया जा रहा है। चिकित्सा विभाग आगे भी इसी तरह वैक्सीनेशन कर प्रदेश की जनता को सुरक्षा कवच प्रदान करे।
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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षण संस्थाओं को खोले जाने के सम्बन्ध में लिए गए निर्णय एवं स्थिति से अवगत कराया। शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने कोविड संक्रमण एवं वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में एक्टिव केसों की संख्या 233 रह गई है तथा साप्ताहिक पॉजीटिविटी दर 0.07 प्रतिशत पर आ गई है। राज्य के 14 जिलों में एक भी पॉजीटिव केस नहीं है। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के 52 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की पहली डोज तथा 16 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुकी है। डॉ. राजाबाबू पंवार, डॉ. सुधीर भंडारी, डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ. एमएल गुप्ता, डॉ. रामबाबू, डॉ. मनीष शर्मा सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण की स्थिति, तीसरी लहर की आशंका तथा शिक्षण संस्थाओं को खोले जाने के सम्बन्ध में अपने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के संक्रमण की आशंका बनी हुई है। आगामी महीनों में हमें विशेष सजगता और सतर्कता बरतनी होगी।