जोशीमठः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ पुहंचे, जहां उन्होंने ग्राउंड जीरो हालात का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने यहां प्रभावितों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी पहली प्रथामिकता है। इसके साथ ही सीएम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। वही जोशीमठ-मलारी चीन सीमा सड़क पर भी दरारें पड़ गई हैं। मुख्यमंत्री ने इससे पहले जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली। शुक्रवार को उन्होंने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव मामले में एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव के कारण अति संवेदनशील (डेंजर जोन) वाले क्षेत्रों में बने भवनों को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।
मुख्यमंत्री राज्य सचिवालय में जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से पैदा हुए हालात की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में धामी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ गए विशेषज्ञ दल के सदस्यों से भी जुड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। कहा, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्रवाई ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिए नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मंडल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त कर निर्देश दिए कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट कर सकें, इसकी भी तैयारी हो।
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उल्लेखनीय है कि आध्यात्मिक और सामरिक दृष्टि से उत्तराखंड का प्राचीन शहर जोशीमठ काफी महत्वपूर्ण शहर है। जो इन दिनों भू धंसाव के कारण मिटने की कगार पर आ कर खड़ा हुआ है। हाल ही में हुए निर्माण कार्यों के चलते यहां के घरों में अचानक से दरारें आनी शुरू हो गई हैं और धरती से जगह-जगह पानी निकल रहा है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। जोशीमठ भू-धंसाव के मामले में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। केंद्र सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी गठित की है। ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी से स्टडी करेगी। जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
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