नई दिल्लीः दिल्ली कैंट इलाके में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ( आईडीएस) के नए मुख्यालय के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रोजेक्ट के तहत आने वाले पेड़ों को हटाने और ट्रांसप्लांट की फाइल को मंजूरी दे दी । मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद अत्याधुनिक आईडीएस कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इस भवन में ऑफिसर्स मेस और कैंप बनाया जाएगा ।
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए मुख्यमंत्री ने एक नोट भी दर्ज कराया है कि इस प्रस्ताव पर राय या निर्णय लेने के लिए इसे एलजी के पास भेजा जाएगा। ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल जीएनसीटीडी एक्ट 2021 के तहत एलजी को सात कार्य दिवस के भीतर अपनी राय देने का नियम है । इसके तहत एलजी अपनी सहमति या अलग राय दे सकते हैं ।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने इस भवन के निर्माण में आड़े आने वाले 114 पेड़ों को हटाने और लगाने का प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजा था। इस परियोजना को राष्ट्रहित बताते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शर्तों के साथ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एक शर्त के रूप में, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को परियोजना स्थल पर स्थित 60 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करना होगा, जबकि 54 पेड़ों को हटाकर दस गुना( 1,140) अतिरिक्त पेड़ लगाए जाएंगे ।
दिल्ली सरकार ने आगे उल्लेख किया कि 114 पेड़ों में से रक्षा मंत्रालय 54 पेड़ों की कटाई करते हुए 60 पेड़ों का प्रत्यारोपण करेगा। परियोजना स्थल के अन्दर चिन्हित स्थान पर वृक्षों का प्रतिरोपण किया जायेगा । दिल्ली सरकार ने मंत्रालय से कहा है कि वे साइट से केवल उन्हीं पेड़ों को हटा सकते हैं जिन्हें दिल्ली सरकार ने मंजूरी दी है । इसके अलावा एक भी पेड़ को नुकसान नहीं होगा । इसके अलावा अगर किसी पेड़ को नुकसान पहुंचता है तो उसे दिल्ली पेड़ संरक्षण अधिनियम, 1994 के तहत अपराध माना जाएगा ।
दिल्ली सरकार ने रक्षा मंत्रालय के लिए पेड़ों को हटाने और उनके प्रत्यारोपण के बदले 10 गुना अधिक पौधे लगाना अनिवार्य कर दिया है । इसलिए अब वह 1,140 नए पौधे लगाएंगे और 52 फीसदी पेड़ों को निर्माण स्थल पर रोपेंगे । इन वृक्षों को स्थान परिवर्तन की स्वीकृति की तिथि से तीन माह के भीतर पूर्व चिन्हित स्थान पर रोपित किया जायेगा । रक्षा मंत्रालय दिल्ली सरकार के दिशा- निर्देशों के अनुसार अगले सात वर्षों तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी उठाएगा । दिल्ली सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, पेड़ों को हटाने और रोपाई के बदले में दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे । जिसमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखन, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन के पेड़ शामिल हैं । ये पेड़ गैर वन भूमि पर 6- 8 फीट ऊंचाई के पौधे के रूप में लगाए जाएंगे ।
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इसके साथ ही मंत्रालय से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जो पेड़ ट्रांसप्लांट से बचे नहीं हैं, उन्हें1।5 के अनुपात में कम से कम 15 फीट ऊंचाई और कम से कम 6 इंच व्यास वाले स्वदेशी प्रजातियों के पेड़ों से बदला जाए । यदि किसी पेड़ पर चिड़िया का घोंसला पाया जाता है, तो उसे तब तक काटने या हटाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जब तक कि चिड़िया पेड़ को छोड़ न दे । साथ ही पेड़ों की कटाई के बाद 90 दिनों के भीतर पेड़ों की शाखाओं को निशुल्क नजदीकी श्मशान घाट भेजा जाएगा ।
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