कुणाल कामरा मामले में CJI ने सुनवाई से खुद को किया अलग, कही ये बात

42

नई दिल्लीः चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया है। इस मामले पर दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर रहा हूं, क्योंकि ये मामला हमारे एक फैसले से जुड़ा हुआ है। अब इस याचिका को उस बेंच के समक्ष लिस्ट किया जाएगा, जिस बेंच के सदस्य चीफ जस्टिस नहीं होंगे।

कामरा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा है कि याचिकाकर्ता को कॉमेडी की समझ नहीं है। सिर्फ कुछ चुटकुलों से लोगों की नज़र में न्यायपालिका का सम्मान कम नहीं हो जाएगा। कार्टूनिस्ट रचित तनेजा ने अपनी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया है। तनेजा की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने उनके कार्टून को एक साधारण मामला बताया। उन्होंने कहा कि आजकल हर बात को तूल देने की होड़ मची हुई है। तब कोर्ट ने रोहतगी से कहा कि अगर वे जवाब नहीं देना चाहते हैं तो उसके बिना भी कोर्ट की कार्रवाई आगे बढ़ सकती है। तब रोहतगी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की। उन्होंने रचित तनेजा के मामले को कुणाल कामरा के मामले से अलग करने की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2020 को अवमाननापूर्ण ट्वीट के मामले में कुणाल कामरा के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के मामले में नोटिस जारी किया था। याचिका अभ्युदय मिश्रा, स्कंद वाजपेयी और श्रीरंग कटनेश्वर ने दायर की है। सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील निशांत कटनेश्वर ने कहा था कि इस मामले में अटार्नी जनरल ने भी कोर्ट की अवमानना का मामला चलाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कुणाल कामरा के ट्वीट्स को पढ़ते हुए उन्हें न्यायपालिका की गरिमा को गिराने वाला बताया था।

अटार्नी जनरल ने 12 नवंबर, 2020 को कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। अटार्नी जनरल ने कहा था कि लोग समझते हैं कि वे कोर्ट के बारे में कुछ भी कह सकते हैं लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी अवमानना कानून के अधीन है। अटार्नी जनरल ने कहा था कि मैं ने ट्वीट्स देखे हैं। अब यह कोर्ट पर निर्भर है कि वो क्या फैसला करता है। आपराधिक अवमानना का मामला बनता है। अटार्नी जनरल को एक लॉ स्टूडेंट और दो वकीलों ने पत्र लिखकर अवमानना का मुकदमा चलाने की सहमति देने की मांग की थी।

कुणाल कामरा ने अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद ट्वीट किए थे। आदेश देने वाले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया था। कुणाल कामरा के 4 ट्वीट के खिलाफ पत्र लिखे गए थे। पत्र में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी को मेरिट के आधार पर जमानत दी लेकिन कामरा ने सुनवाई के दौरान और फैसला सुनाने के बाद ट्वीट किए, जो न्यायपालिका की गरिमा को गिराने वाले हैं। पत्र में कहा गया था कि कुणाल कामरा के ट्वीटर पर 17 लाख फॉलोवर्स हैं। अगर इस तरह के ट्वीट्स और बयानों पर रोक नहीं लगाई गई तो सोशल मीडिया पर लोग जजों के बारे में अनाप-शनाप लिखना शुरू कर देंगे।

रचित तनेजा ने अपने ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया था। रचित तनेजा के खिलाफ लॉ स्टूडेंट आदित्य कश्यप ने अटार्नी जनरल को पत्र लिखकर कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की अनुमति मांगी थी। अटार्नी जनरल ने आदित्य कश्यप को रचित के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की अनुमति दे दी थी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)