नई दिल्लीः भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने केंद्र सरकार से इस्पात क्षेत्र को लेकर एंथ्रेसाइट कोयला पर मौजूदा मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत को घटाकर शून्य करने का सुझाव दिया है। सीआईआई ने आगामी बजट के लिए अपने सुझाव में कहा कि बेहतर गुणवत्ता और मात्रा में इन वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से इस्पात उद्योग की वद्धि पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए एंथ्रेसाइट कोयला पर मौजूदा मूल सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत को घटाकर शून्य किया जाय।
सीआईआई ने इसके अलावा मेटालर्जिकल कोक के लिये आयात शुल्क मौजूदा 5 प्रतिशत से कम कर 2.5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया। उद्योग मंडल ने कहा कि कम राख वाले मेटालर्जिकल कोक (एच एस कोड 2704) स्टील बनाने के लिये प्रमुख कच्चा माल हैं। कच्चे माल की कुल लागत में इसकी हिस्सेदारी 46 प्रतिशत है। शुल्क में कटौती से घरेलू इस्पात उद्योग को लागत के हिसाब से प्रतिस्पर्धी होने में मदद मिलेगी। अपनी सिफारिशों में सीआईआई ने कोकिंग कोयले पर भी आयात शुल्क कम करने का सुझाव दिया है।
उद्योग मंडल ने कहा कि कोकिंग कोयले की घरेलू आपूर्ति पर्याप्त नहीं है। इसीलिए घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिये, इसका आयात करना होता है। इस पर शुल्क घटाकर शून्य किया जाना चाहिए।
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सीआईआई के अनुसार ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड का भी इस्पात बनाने में काफी उपयोग होता है। घरेलू इस्पात उत्पादक कंपनियां ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड का आयात करने के लिये बाध्य हैं क्योंकि देश में जो भी उत्पादन होता है, उसका करीब 60 प्रतिशत निर्यात हो जाता है। इससे घरेलू बाजार में इसकी कमी है।