Year Ender 2024 : साल 2024 में सोने के निवेशकों को काफी फायदा हुआ है। इस साल सोने ने करीब 27 फीसदी का रिटर्न दिया है, जिससे निवेशकों को काफी फायदा हुआ है। माना जा रहा है कि भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के कारण इस साल निवेशकों ने सोने को सुरक्षित निवेश मानते हुए इसमें जमकर निवेश किया। इसके साथ ही चीन समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने भी अपने सोने के भंडार को मजबूत करने के इरादे से भारी खरीदारी की।
Year Ender 2024 : क्या कहते हैं विशेषज्ञ
यही कारण है कि साल 2024 में सोने में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की तेज रफ्तार पर थोड़ा ब्रेक लगा। अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद संभावित नीतिगत बदलावों की आशंका ने डॉलर इंडेक्स को मजबूत किया है, जिससे सोने की मांग में कुछ कमी आई है। इसके बावजूद तीसरी तिमाही के दौरान बुलियन की मांग में तेजी आने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बार फिर सोने के भाव में तेजी आने की उम्मीद है। चालू वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान पहली बार सोने की मांग 100 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल सोने की कीमत में आई तेज तेजी के लिए मुख्य रूप से इजरायल और ईरान के बीच युद्ध जैसे हालात, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध और सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की हार को जिम्मेदार माना जा सकता है।
Year Ender 2024 : 2025 में महंगाई की उम्मीद
इन तीनों कारणों से सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग बढ़ी। सर्राफा बाजार विशेषज्ञ मयंक मोहन के मुताबिक, वर्ष 2024 में कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने सोना खरीदना जारी रखा। वर्ष 2025 में भी केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद जारी रहने की उम्मीद है। इस तरह अगले साल भी विभिन्न देशों के बैंक सोने के सबसे बड़े खरीदार रहने वाले हैं। इसके अलावा इस साल आभूषण बाजार में भी तेजी रहने की उम्मीद है। इसलिए आभूषण घरानों द्वारा भी भौतिक सोने की खरीद में तेजी रहेगी। ऐसे में उम्मीद है कि वर्ष 2025 में भी सोना सरपट दौड़ता रहेगा। इस बीच अगर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है तो निवेशक भी बड़ी संख्या में सोने में निवेश करेंगे, जिससे सोने की कीमत में और तेजी आ सकती है।
Year Ender 2024 : निवेशकों का बना आकर्षण केंद्र
कैपेक्स गोल्ड एंड इंवेस्टमेंट के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के कारण सोना निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसके साथ ही महंगाई के खतरे को देखते हुए कई बड़े निवेशकों ने सोने में पैसा लगाने का फैसला किया है, जिससे इस धातु की कीमत में लगातार तेजी आई है। आने वाले दिनों में भी सोने में तेजी आने की उम्मीद है। खास तौर पर जेपी मॉर्गन, गोल्डमैन सैक्स और सिटी ने उम्मीद जताई है कि साल 2025 में सोने की कीमत बढ़कर 3,000 से 3,100 डॉलर प्रति औंस हो जाएगी। इस साल 30 अक्टूबर को फिजिकल गोल्ड 2,788.54 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। नवंबर में भी सोने की कीमत में तेजी जारी रहने की उम्मीद थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से सोने के बाजार में निराशा छा गई, जिससे सोने की कीमत में गिरावट आई। लेकिन अब एक बार फिर इस धातु की कीमत में उछाल आना शुरू हो गया है।
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वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि 2025 के दौरान सोना सीमित दायरे में बढ़त दिखा सकता है। काउंसिल ने अपनी आउटलुक रिपोर्ट 2025 में कहा है कि अगर 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था अनुमान के मुताबिक रही तो सोने में तेजी की संभावना रहेगी। इसके साथ ही अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों पर नरम रुख अपनाता है तो इससे भी सोने के बाजार में तेजी आएगी और सोने में तेजी आएगी। लेकिन अगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व इसके विपरीत रुख अपनाता है तो सोने की कीमत पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
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