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Children’s Day 2021: पहले इस दिन मनाया जाता था बाल दिवस, 1964 के बाद बदल दी गई तारीख, दिलचस्प है इतिहास

नई दिल्लीः भारत का इतिहास बहुत ही दिलचस्प है। हिन्दुस्तान में वैसे तो हर दिन का अपना अलग महत्व है। जिस तरह से पूरा देश 15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर को उल्लास के साथ मनाता है वैसे ही 14 नवंबर का दिन भी खास है। 14 नवंबर का दिन इसलिए खास है क्योंकि यह बच्चों के लिए समर्पित है और इस दिन को बाल दिवस के तौर पर जाना जाता है। वैसे 1964 तक भारत में भी संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा के मुताबिक, बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता रहा।

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दरअसल 14 नवंबर दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 14 नवंबर 1889 को मोतीलाल नेहरू के पुत्र के रूप में इलाहाबाद में जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ। देश के स्वाधीनता आंदोलन में उनकी प्रमुख भागीदारी रही, तो देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में भी उन्हें बहुत ख्याति मिली। लेकिन 1964 में जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनके सम्मान में भारत ने तारीख बदली और 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने का सिलसिला चल पड़ा। लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश भी हैं जहां 20 नवंबर की जगह 1 जून को बाल दिवस मनाया जाता है। 1 जून को 47 देश बाल दिवस मनाते हैं।

भारत के पहले प्रधानमंत्री का हुआ था जन्म

बता दें कि बाल दिवस मनाने के पीछे दो वजह है। पहला देश के भविष्य यानी बच्चों को खास महसूस करवाने के लिए मनाया जाता है। दूसरा बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू का जन्मदिवस भी इसी दिन आता है। बाल दिवस के दिन स्कूलों में पढ़ाई की जगह खेलकूद या फिर अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।14 नवंबर 1889 को ही भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। पंडित नेहरू को बच्चों से काफी लगाव था और इसलिए बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू के नाम से बुलाया करते थे।

कहते हैं कि बच्चों की शिक्षा और बेहतर जीवन के लिए नेहरू हमेशा अपनी आवाज उठाई। यही नहीं, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय प्रबंधकीय संस्थान जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना जवाहरलाल नेहरू ने ही की थी। उनका कहना था कि ‘आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। जिस तरह से हम उन्हें लाएंगे, उससे देश का भविष्य निर्धारित होगा।’

पहले 20 नवंबर को मनाया जाता था बाल दिवस

भारत के इतिहास में 20 नवंबर की तारीख खास थी क्योंकि वो दिन को बच्चों के नाम समर्पित था, यूं कहें तो बाल दिवस मनाया जाता था। 1964 से पहले 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता था, उसके पीछे वजह यह थी कि संयुक्त राष्ट्र ने 1954 में 20 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर तिथि निश्चिक की थी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता था। लेकिन 1964 में जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनके सम्मान में भारत ने तारीख बदली और 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा।

स्कूलों में धूमधाम से मनाया जाता है बाल दिवस

भारत में 14 नवंबर बाल दिवस को खास तौर पर स्कूलों में तरह-तरह की मजेदार गतिविधियां, फैंसी ड्रेस कॉम्पटीशन और मेलों का आयोजन होता है। बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है। नेहरू जी हमेशा कहा करते थे कि बच्चे कल के अधिकारी हैं, इसलिए बच्चों के साथ किसी तरह की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।

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