मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने 18 जिलों में की छापेमारी, कौशल विकास ट्रेनिंग को लेकर…

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चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री के उड़नदस्ते ने हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत विभिन्न जिलों में चल रहे प्रशिक्षण केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत निजी प्रशिक्षण भागीदारों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण दिये जाने के संबंध में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता को गुप्त सूचना मिली थी कि ये प्रशिक्षण भागीदार इतने युवाओं को प्रशिक्षण नहीं दे रहे हैं, जितना उन्होंने सरकार को दिखाया है।

इसके अलावा इन केंद्रों पर प्रशिक्षण के लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाएं नहीं होने की भी शिकायतें मिलीं। इस पर मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीमों ने गुरुवार को प्रदेश के 18 जिलों में स्थित 35 प्रशिक्षण भागीदारों का औचक निरीक्षण किया। विभागीय प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि इन 35 प्रशिक्षण भागीदारों को करीब 6500 युवाओं को प्रशिक्षण देते दिखाया गया था, लेकिन वास्तव में प्रशिक्षण केंद्रों पर 1200 युवा ही मौजूद पाये गये। कुछ केंद्रों में एक भी छात्र प्रशिक्षण नहीं ले रहा था और 5 केंद्र, गुरुग्राम में 2, पानीपत, दादरी और यमुनानगर में एक-एक केंद्र बंद पाए गए। इन 35 प्रशिक्षण केन्द्रों में 210 बैचों को चलते दिखाया गया था, लेकिन वास्तव में केवल 95 बैच ही चलते पाए गए और इन बैचों में भी प्रशिक्षणार्थियों की संख्या दर्शाए अनुसार नहीं पाई गई।

हरियाणा कौशल विकास मिशन के तहत राज्य सरकार निजी प्रशिक्षण भागीदारों के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को सक्षम बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के नि:शुल्क प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चला रही है। इसके लिए सरकार प्रशिक्षण भागीदारों को उनके द्वारा प्रशिक्षित युवाओं के अनुसार भुगतान करती है। नियमानुसार उक्त केन्द्रों पर लगभग 150 प्रशिक्षण कर्मी उपस्थित होने चाहिए थे, लेकिन 60 कर्मी ही उपस्थित पाये गये। अधिकांश केंद्रों पर मौके पर मिले ट्रेनिंग स्टाफ ऑनलाइन वेबसाइट पर दी गई ट्रेनिंग स्टाफ की सूची से अलग थे।

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उनमें से कुछ के पास कोई ज्वाइनिंग लेटर भी नहीं मिला। अधिकांश केंद्रों पर दिखाए गए संसाधनों के अनुसार संसाधन नहीं थे जैसे केंद्रों पर दस कंप्यूटर होने चाहिए थे तो वहां एक या दो कंप्यूटर ही मिले। कुछ केंद्रों पर कोई अध्ययन सामग्री, किताबें आदि नहीं मिलीं। कई केंद्रों पर, HSDM पोर्टल पर दिखाए गए प्रशिक्षु वास्तव में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं से भिन्न पाए गए। कई केंद्रों पर या तो उपस्थिति पंजिका ही नहीं मिली या फिर प्रशिक्षार्थियों की हाजिरी रजिस्टर में दर्ज ही नहीं हो सकी।

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