
कोलकाता: बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल आ रहे हैं। अपने दौरे में हल्दिया में तेल, गैस और आधारभूत संरचना से जुड़ी 4,700 करोड़ रुपये से ज्यादा की चार महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
बंगाल में चुनाव से पहले इसे चुनावी सौगात के तौर पर देखा जा रहा है। ये सभी परियोजनाएं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से जुड़ी हैं।
आईओसी के निदेशक (विपणन) गुरमीत सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री हल्दिया रिफायनरी में दूसरी कैटलिटिक डीवैक्सिंग यूनिट (लुब्रिकेंट बेस्ड ऑयल कारखाना) की आधारशिला रखेंगे। इसकी लागत करीब 1019 करोड़ रुपये आएगी और अप्रैल, 2023 तक इसका काम पूरा किया जाना है। इससे आयात घटने के साथ देश को 18.5 करोड़ डॉलर के विदेशी विनिमय की बचत होगी।
इधर, पीएम के आगमन को लेकर यहां तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस समारोह के लिए बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि ममता इसमें शामिल नहीं होंगी। हल्दिया में सरकारी परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास के बाद पीएम यहां लोगों को भी संबोधित करेंगे। भाजपा का दावा है कि पीएम की सभा में कम से कम दो लाख लोग शामिल होंगे।
बता दें कि जब पीएम मोदी कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सुभाष बाबू पश्चिम बंगाल के सबसे नायकों में से हैं।. लिहाजा ममता बनर्जी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं। बंगाल सरकार ने इस कार्यक्रम को अलग से भी मनाया था।
23 जनवरी को विक्टोरिया हॉल में जैसे ही ममता के बोलने की बारी आई. कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने जय श्रीराम का नारा लगा दिया। इससे ममता बनर्जी बेहद भड़क गईं और भाषण देने से ही इनकार कर दिया। शायद यही कारण है कि इस बार ममता बनर्जी ने पीएम संग मंचा न साझा करने का फैसला लिया है।