छत्तीसगढ़ राजनीति

मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं, किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा : अजय सिंह

बीजापुरः छग युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह के कांग्रेस से छह वर्ष के लिए निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी रगों में कांग्रेस का लहू है। उनके खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर छग प्रभारी पीएल पुनिया से चर्चा हुई है, पीएल पुनिया ने उनसे विस्तार में सारी बातें पूछी हैं। अजय सिंह ने पत्रकारों से कहा कि मैंने तो एमएलए के खिलाफ आरोप लगाए थे, ना कि कांग्रेस पर, इसे लेकर पार्टी से निष्कासन नामुनासिब है। निष्कासन के बाद यह अटकलें या कयास भी लोग लगा रहे हैं कि मैं भाजपा में शामिल हो जाऊंगा, यह बात गलत है। मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं और जिले में कांग्रेस के हित में काम करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा।

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अजय सिंह ने विगत दिनों विधायक विक्रम शाह मण्डावी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए प्रेस वार्ता की थी। इसी मामले पर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था और सात दिनों में जवाब देने कहा था। अजय सिंह का कहना है कि उन्होंने सात दिनों के पहले ही कोंडागांव जाकर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम से मुलाकात की और सफाई पेश की। इसके दूसरे ही दिन उन्हें छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

अजय सिंह ने कहा कि जब सलवा जुड़ुम चल रहा था तो विक्रम मण्डावी से ब्लॉक युवक कांग्रेस अध्यक्ष बनने कहा गया, लेकिन उन्होंने यह कहते ठुकरा दिया कि उन्हें नक्सलियों से खतरा हो सकता है। पंद्रह वर्ष के भाजपा शासन काल में विक्रम मंडावी ने भाजपा से सांठगांठ की। तत्कालीन विधायक राजेन्द्र पामभोई के खिलाफ उन्होंने काम किया। यह भी आरोप है कि 2008-09 में मंडी चुनाव हुए। इसमें विक्रम मण्डावी ने लालू राठौर के खिलाफ काम किया। अब विक्रम मण्डावी कार्यकर्ताओं को हाशिए पर रख रहे हैं। उनका मानना है कि वे खुद ही चुनाव जीत जाएंगे। कार्यकर्ताओं की उन्हे कोई जरूरत नहीं है।

अजय सिंह के मुताबिक विक्रम मंडावी को यह भी कहते सुना गया है कि टिकट नहीं भी मिली तो वे निर्दलीय चुनाव जीत जाएंगे। अजय सिंह ने कहा कि इसके उलट वे 2005-06 में वे कांग्रेस का झण्डा लेकर खड़े थे। इस दौरान प्रशासन ने उनका मकान भी तोड़ डाला क्योंकि वे भाजपा के खिलाफ खुलकर हमले कर रहे थे। जिले के कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि आला नेता भी विधायक की कार्यशैली से नाखुश हैं। अब तक केवल अजय सिंह ने ही आवाज बुलंद की है। कई नेता पीठ पीछे बोलते हैं लेकिन कोई सामने नहीं आता है। अजय सिंह का कहना है कि हमने कांग्रेस में पंद्रह साल तक संघर्ष किया। पौधे को बड़ा किया। जब फल लगे तो गैर कांग्रेसी इसे खाने आ गए, कांग्रेसियों को कुछ नहीं मिल रहा है।

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