Chhattisgarh: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शनिवार को बाबा गुरु घासीदास की कर्मभूमि और सतनामी संप्रदाय के संत अमरदास की तपोभूमि तेलासी धाम में आयोजित गुरु दर्शन मेला में शामिल हुए।
प्रदेश की खुशहाली की कामना
उन्होंने गुरु गद्दी की पूजा कर मत्था टेका और छत्तीसगढ़ की जनता की खुशहाली और उन्नति की कामना की। इस अवसर पर तेलासी पुरी धाम के सर्वोच्च गुरु गद्दीनशीन आसम दास साहब भी उपस्थित थे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल, टंक राम वर्मा, सांसद जांजगीर चांपा श्रीमती कमलेश जांगड़े, पूर्व विधायक सनम जागड़े, कलेक्टर दीपक सोनी, एसपी विजय अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में राजमहंत, संत और श्रद्धालु मौजूद थे।
तेलासीपुरी का ऐतिहासिक महत्व
ग्राम तेलासी जिला मुख्यालय बलौदाबाजार से लगभग 40 किलोमीटर दूर भैसा से आरंग मार्ग पर स्थित है। जहां बाबा गुरु घासीदास की कर्मभूमि और सतनामी संप्रदाय के संत अमरदास की तपोभूमि है, जिसे स्थानीय लोग तेलासी बाड़ा भी कहते हैं। सतनाम संप्रदाय के लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। 1840 के आसपास तेलासी बाड़ा का निर्माण गुरु घासीदास के दूसरे पुत्र बालक दास ने कराया था और वे तेलासी बाड़ा में ही रहने लगे थे।
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गुरु बालक दास की मृत्यु के बाद 1911 में 273 एकड़ जमीन सहित तेलासी को गणेशमल के पास गिरवी रख दिया गया था, जिसके लिए समाज के सर्वोच्च गुरु आसकरनदास और राजमहंत नैन दास कुर्रे के नेतृत्व में समाज के 103 लोग जेल गए थे।
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