रायपुर: सीएमआईई के ताजा आंकड़े में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अप्रैल माह में बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) मॉडल से रोजगार मिला है, वहीं मोदी सरकार के गुजरात मॉडल ने रोजगार छीना है। देश में बेरोजगारी दर 7.83 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 0.6 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की छत्तीसगढ़ मॉडल राज्य में बेरोजगारी खत्म करने कारगर साबित हुयी। छत्तीसगढ़ मॉडल से युवाओं को रोजगार स्वरोजगार एवं सरकारी नौकरी में अवसर मिला। पूर्व रमन सरकार के समय 2018 में 22 प्रतिशत बेरोजगारी दर था। आज छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है। हर स्तर पर हर वर्ग के लिए रोजगार मूलक योजनाएं चलाई जा रही है। स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा वित्तीय मदद के साथ बेहतर प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराई जा रही है। शिक्षा विभाग, स्वास्थ विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग, पुलिस विभाग सहित सभी विभागों में रिक्त पदों केभर्ती प्रक्रिया शुरू किया गया। तीन साल में राज्य में 30 हजार से अधिक पदों में नियुक्ति एवं भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। पांच लाख युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार एवं सरकारी नौकरी में रोजगार उपलब्ध कराया गया। मनरेगा, गोधन न्याय योजना, 65 वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी, बेहतर उद्योग नीति एवं रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर प्रबंध का नतीजा है कि बेरोजगारी दर .06 प्रतिशत हुआ है।
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धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 2018 में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत से ऊपर था, आज बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है और मध्यप्रदेश 1.6 प्रतिशत, झारखंड का 14.2 प्रतिशत, महाराष्ट्र का 3.1 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 2.9 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। मोदी सरकार जुमला सुनाकर युवाओं का मन बहला रही है। गुजरात मॉडल के चलते देश बेरोजगारी के मामले में 45 साल पुराने हालात में खड़े हुए हैं। दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष मिलना दूर की बात 23 करोड़ हाथों से रोजगार छीना गया है। देश में 45 करोड़ युवा महिलाये वयस्क रोजगार खोजते खोजते इतने हताश और परेशान हो गए कि अब रोजगार खोजना ही बंद कर दिए और मायूस और उदास बैठे हुए हैं। देश के 84 प्रतिशत आबादी की आय घटी है। 15 करोड़ परिवार की आय आधी हुयी। मोदी सरकार के गलत नीतियों का प्रभाव हर सेक्टर में दिख रहा है सरकारी कंपनियों का बेधड़क निजीकरण किया जा रहा है।
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