Chhath Puja Special 2004, Bihar: बिहार की राजधानी पटना में इस साल छठ व्रती परेशान हैं। गंगा का जलस्तर घटने के साथ ही अधिकांश घाट दलदली स्थिति में हैं। घाट तक पहुंचने के रास्ते में कीचड़ है, जिससे निपटना जिला प्रशासन के लिए चुनौती है।
कमोबेश गंगा के अधिकांश घाटों की यही स्थिति है। हालांकि, छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन और नगर निगम ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। महापर्व छठ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है.
घाटों को किया जा रहा तैयार
बता दें कि महापर्व छठ में अभी करीब एक पखवाड़ा बाकी है। ऐसे में उम्मीद है कि गंगा का जलस्तर घटेगा।नगर निगम और जिला प्रशासन गंगा किनारे दलदली जगहों को भरने और उन्हें समतल करने में जुटे हैं। पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर का कहना है कि स्थानीय पूजा समितियों के साथ समन्वय कर छठ महापर्व से पहले घाटों को मानकों के अनुरूप तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।
गंगा किनारे 109 प्रमुख घाटों को 21 सेक्टरों में बांटकर एक समर्पित टीम सक्रिय है। सभी अधिकारियों को सतर्क रहने और सुविधाजनक व दुर्घटना रहित तरीके से छठ पूजा संपन्न कराने के निर्देश दिए गए हैं।
ये भी पढ़ेंः- पीएम मोदी ने काशी को दी करोड़ों की सौगात, कहा- दस सालों में सुधरा देश का स्वास्थ्य
महापर्व छठ पर कई घाटों पर आ रही परेशानी
उन्होंने बताया कि जलस्तर को देखते हुए घाटों पर बैरिकेडिंग की जाएगी। खतरनाक घाटों की पहचान, जलस्तर और दलदल की स्थिति की जांच के लिए चार कार्यपालक अभियंताओं को लगाया गया है। बताया गया कि घाटों पर मिट्टी की मोटी परत जम गई है तो कहीं इतनी दलदल है कि गंगा तक पहुंचना मुश्किल है।
कई घाटों पर मिट्टी कटाव के कारण पानी बढ़ रहा है, जिससे मजदूरों को काम करने में भी काफी दिक्कत हो रही है। वहीं मोहल्ले का गंदा पानी गंगा में गिरने से पानी प्रदूषित हो रहा है। आसपास की मिट्टी भी दलदली हो गई है। जिला प्रशासन का कहना है कि जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद ली जा रही है। कई घाटों पर कूड़ा-कचरा भी जमा है।
महापर्व छठ पर घाटों पर पहुंचते हैं हजारों श्रद्धालु
बता दें कि महापर्व छठ पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए हजारों श्रद्धालु गायघाट, कंगन घाट, भद्र घाट जैसे कई घाटों पर पहुंचते हैं। गायघाट पर दलदल की स्थिति बनी हुई है। इस बार जो स्थिति दिख रही है, उसके अनुसार आस-पास के घाटों पर तैयारी की जा रही है
ताकि यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को ठहराया जा सके। कई घाटों के छोटा हो जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। पटना के अलावा कई अन्य शहरों में भी गंगा तट पर ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।