Featured टॉप न्यूज़ आस्था

Chhath Puja 2023: महापर्व छठ पूजा का तीसरा दिन आज, जानें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का समय

Chhath-Puja-2023 Chhath Puja 2023: देशभर में आज आस्था, पवित्रता और सूर्योपासना का महापर्व छठ पूजा बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है। छठ का आज तीसरा दिन है। भगवान भास्कर की आराधना का लोकपर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्य षष्ठी (डाला छठ) मनाया जाता है। यह महापर्व नहाय-खाय ( Nahay Khay) के साथ शुरू होता है। तीसरे यानी षष्ठी तिथि को भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। फिर चौथे दिन यानी सोमवार को सुबह उगते हुए सूर्य अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला छठ व्रत संपन्न हो जाएगी। सूर्यदेव की उपासना का यह सबसे बड़ा और खास त्योहार है। chhath-puja-delhi

डूबते सूर्य को क्यों किया जाता है अर्घ्य

बता दें कि छठ महापर्व का तीसरा दिन बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे कई मान्यताएं हैं। कार्तिक माह में स्नान, पूजा और दान का विशेष महत्व है। इस माह में भगवान विष्णु जल में ही निवास करते हैं। वहीं सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता और भगवान विष्णु का प्रत्यक्ष रूप माना जाता है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का मतलब है कि भगवान विष्णु सूर्यदेव के रूप और जल में भगवान विष्णु की अप्रत्यक्ष रूप से दोनों की साथ में पूजा की जाती है। ये भी पढ़ें..Aaj Ka Rashifal 19 November 2023: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन

इस बार बन रहे कई शुभ योग

दरअसल, आज का दिन इसलिए भी खास है कि रविवार को भगवान सूर्य का दिन भी माना जाता है। ऐसे में इस दिन सूर्य पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके बाद सोमवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देते समय भी शुभ योग रहेगा। ज्योतिषियों ने बताया कि रविवार को सूर्यास्त शाम 5:26 बजे होगा। इस समय वृद्धि और श्रवण नक्षत्र होंगे। इस योग में सूर्य की पूजा करने से सुख-समृद्धि में अपार वृद्धि होती है। Chhath-Puja-2023 वहीं श्रवण चंद्रमा का नक्षत्र है, जो शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में पूजा स्थिरता प्रदान करती है। जबकि सोमवार को सूर्योदय सुबह 6:27 बजे होगा। इस समय ध्रुव योग और धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। ध्रुव योग को स्थिर योग कहा गया है। इस समय किया गया कार्य स्थिर रहता है। वहीं, धनिष्ठा मंगल का नक्षत्र है। इस नक्षत्र में पूजा करने से स्थिरता मिलती है।

सूर्य को अर्घ्य देने का सही समय

19 नवंबर को सूर्य को अर्घ्य को देने का सही समय शाम 5 बजकर 25 मिनट है। 20 नवंबर को सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन होगा।

सूर्य उपासना के मंत्र

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।। ऊँ सूर्याय नम: ऊँ आदित्याय नम: ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)